MSP लूट कैलकुलेटर: गेहूँ की फसल में किसानों के साथ मार्च में 196.93 करोड़ की लूट!

कैलकुलेटर के मुताबिक सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश के गेहूँ किसानों को 77.17 करोड़ का नुकसान पिछले 31 दिनों में हुआ है।जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा है कि अन्य फ़सलों की तरह गेहूँ किसानों के साथ भी जमकर लूट हुई है और एमएसपी पर सरकार के दावे खोखले साबित हुए हैं।

जय किसान आंदोलन ने आज मार्च महीने में गेहूँ किसानों के साथ एमएसपी को लेकर हुई लूट का विवरण जारी किया है। MSP लूट केलकुलेटर से 1 से 31 मार्च 2021 के बीच हुई गणना के मुताबिक संगठन ने गेहूँ किसानों के साथ एक महीने में 196.93 करोड़ की लूट का दावा किया है। 1

कैलकुलेटर के मुताबिक सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश के गेहूँ किसानों को 77.17 करोड़ का नुकसान पिछले 31 दिनों में हुआ है।जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा है कि अन्य फ़सलों की तरह गेहूँ किसानों के साथ भी जमकर लूट हुई है और एमएसपी पर सरकार के दावे खोखले साबित हुए हैं।

जय किसान आंदोलन के मुताबिक सरकार ने गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी ₹1975 निर्धारित किया था। लेकिन देश के सभी मंडियों में किसान को औसतन ₹1836 ही मिल पाए। यानी कि किसान को प्रति क्विंटल सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम से भी कम बेचने के कारण ₹139 का घाटा सहना पड़ा।

1 मार्च से 31 मार्च के बीच किसान को गेहूँ एमएसपी से नीचे बेचने की वजह से 196.93 करोड रुपए का घाटा हुआ।

एमएसपी की तुलना में सबसे कम दाम मिलने के मामले में छत्तीसगढ़ के किसानों की स्थिति सबसे बुरी थी क्योंकि उसे औसतन केवल ₹1453 ही मिल पाए यानी छत्तीसगढ़ के गेहूँ उत्पादक किसान को ₹522 प्रति क्विंटल की लूट सहनी पड़ी। वहीं कुल लूट के मामले में मध्यप्रदेश के किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इन 31 दिनों में मध्यप्रदेश के गेहूँ उत्पादक किसान की कुल ₹77.17 करोड़ की लूट हुई जबकि उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान की ₹67.75 करोड़ और ₹29.05 करोड़ की लूट हुई। (पूरी सूचना संलग्न तालिका में है)।

 

जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि यदि अन्य फसलों की तरह गेहूँ पर भी किसानों की लूट हुई है और एमएसपी पर सरकार के दावे खोखले साबित हुए हैं। #MSPLootCalculator प्रधानमंत्री के हवाई दावे का भंडाफोड़ करता है।

#MSPLootCalculator
स्रोत: AGMARKNET

मीडिया सेल | जय किसान आंदोलन
99991 50812

First Published on:
Exit mobile version