साल भर में ही 18% बढ़े किसानों की आत्महत्या के मामले, कृषि मज़दूर ज़्यादा प्रभावित!

कोरोना काल में सकारात्मक वृद्धि दर्ज कर भारतीय अर्थव्यवस्था को बचाने ने बाद भी कृषि क्षेत्र में शांति और खुशी नही हैं। किसान पहले के मुकाबले अब ज़्यादा आत्महत्या कर रहे हैं। बढ़ते साल के साथ किसान आत्महत्या में भी वृद्धि देखी जा रही है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, किसान आत्महत्या के मामलों में 18% की वृद्धि हुई है। 2019 की तुलना में 2020 में अधिक संख्या में कृषि क्षेत्र में आत्महत्याएं देखी गई हैं।

2020 में कृषि क्षेत्र में आत्महत्या..

साल 2020 में कुल 10,677 लोगों ने आत्महत्या की है। यह आंकड़े देश में कुल आत्महत्याओं (1,53,052) का 7% है। बता दें कि साल 2019 में भी महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश आत्महत्या करने के मामले में टॉप 4 राज्यों में शामिल थे।

किस प्रकार के किसान ने की कितनी आत्महत्या..

गुरुवार को जारी भारत में आत्महत्या पर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से यह जानकारी प्राप्त हुई है। रिपोर्ट में 2020 में किस किसान ने कितनी आत्महत्या की इस बारे में भी जानकारी दी गई है।

भूमिहीन किसानों ने की ज़्यादा आत्महत्या..

2020 में खुदकुशी करने वाले 5579 किसानों में से 5335 पुरुष थे और 244 महिलाएं थीं, और 5098 कृषि मज़दूर में 4621 पुरुष थे और 477 महिलाएं थीं। बता दें कि आत्महत्या करने वाले किसानों में बड़ी संख्या ऐसे लोगों हैं, जिनके पास ज़मीन नहीं है और वह मज़दूर के रूप में काम करते हैं। ऐसे किसानों को केंद्र सरकार की योजनाओं का भी फायदा नहीं मिल पाता। जिससे वह और हताश हो जाते हैं। सामने परिवार चलाने का संकट होता है और आत्महत्या के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचता।

2016 से 2019 के आंकड़े..

भारत ने 2016 से लगातार तीन वर्षों तक कृषि क्षेत्र में आत्महत्याओं में कमी देखी थी, लेकिन पिछले साल के बाद आत्महत्याओं में वृद्धि देखी गई है।

खेतिहर मजदूरों ने की ज़्यादा आत्महत्या..

वहीं अगर 2019 की तुलना में 2020 को देखें, तो 2019 में 5957 किसानों ने और 4324 कृषि मजदूरों ने आत्महत्या की, और 2020 में 5579 किसानों और 5098 कृषि मजदूरों ने आत्महत्या की। यानी किसानों में आत्महत्या करने वालों की संख्या 2019 में 5,957 से घटकर 2020 में 5,579 हो गई, मगर कृषि मजदूरों में ऐसे मामलों की संख्या 2019 में 4,324 से बढ़कर पिछले साल 5,098 हो गई। इस आंकड़ों से साफ है कि कृषि मजदूरों की आत्महत्या साल 2020 में बढ़ी हैं। बता दें कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध का केंद्र बने पंजाब और हरियाणा ने कृषि क्षेत्र में क्रमशः 257 और 280 आत्महत्याओं की सूचना दी है।

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