शहीदी दिवस पर किसानों ने रखा उपवास, गाँधी के रास्ते बढ़ेगा आंदोलन- संयुक्त किसान मोर्चा

‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने आज सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों के बारे में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए अपने प्रस्ताव के बारे में दिए बयान पर संज्ञान लिया। ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि किसान अपनी चुनी हुई सरकार को मनाने के लिए दिल्ली की चौखट पर आए हैं और इसलिए, सरकार से बातचीत पर किसान संगठनों का दरवाजा बंद करने का कोई सवाल ही नहीं है। किसान तीनों कृषि कानूनों को पूर्ण रूप से निरस्त करना चाहते हैं और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर MSP की कानूनी गारंटी चाहते है।

वहीं किसानों द्वारा सद्भावना दिवस मनाते हुए एक दिन का उपवास दिल्ली की सभी सीमाओं और पूरे भारत में रखा गया। किसानों ने महात्मा गांधी जी के शहीदी दिवस पर उनको श्रद्धांजलि दी। गांधीजी के जीवन से सीख लेते हुए, किसानों ने इस आंदोलन को शांतिपूर्ण ढंग से लड़ते रहने का संकल्प लिया। किसानों ने इस आंदोलन के शहीद किसानों को भी दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। देशभर से सद्भावना दिवस की खबरें आ रही हैं। ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने आज के आयोजनों में भाग लेने वाले प्रत्येक नागरिक को धन्यवाद दिया।

‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि हम सुरक्षा बलों के गैरकानूनी उपयोग द्वारा इस आंदोलन को खत्म करने के लिए पुलिस के प्रयासों की निंदा करते हैं। पुलिस और भाजपा के गुंडों द्वारा लगातार हो रही हिंसा, सरकार की बौखलाहट को साफ रूप से दिखाती है। पुलिस अमानवीय ढंग से प्रदर्शनकारियों और पत्रकारों को धरना स्थलों से गिरफ्तार कर रही है। हम सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं। हम उन पत्रकारों पर पुलिस के हमलों की भी निंदा करते हैं जो लगातार किसानों के विरोध को कवर कर रहे हैं।


‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की ओर से डॉ दर्शन पाल द्वारा जारी

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