मोदी सरकार को ज़िम्मेदार बताकर ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान ने लगा ली फाँसी!

दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड में आंदोलन कर रहे किसानो की सुबह आज दुखभरी रही। गाज़ीपुर बार्डर पर एक किसान ने ख़ुदकुशी कर ली। मरने से पहले जो सुसाइड नोट छोड़ा उसमें अपनी मौत के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

खुदकुशी करने वाले किसान की शिनाख्त बिलासपुर, उत्तराखंड के रहने वाले 75 वर्षीय कश्मीर सिंह के रूप में हुई है। उन्होंने शौचालय में फाँसी लगाकर जान दी है। पंजाबी में लिखे सुसाइड नोट में उन्होंने आत्महत्या के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने लिखा है कि आखिर इस सर्दी में किसान कब तक बैठे रहेंगे। सरकार सुन नहीं रही है, इसलिए वे अपनी जान दे रहे हैं। सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि उनका बेटा और पोता भी आंदलोन में सेवा कर रहे हैं। उनका अंतिम संस्कार यहीं दिल्ली-यूपी बार्डर पर होना चाहिए।

इससे पहले किसान आंदोलन में शामिल अमरजीत सिंह नामक अधिवक्ता ने 27 दिसंबर को टिकरी बार्डर के पास बहादुरगढ़ में जहर पीकर खुदकुशी कर ली थी। उन्होंने भी अपनी सुसाइड नोट में प्रधानमंत्री मोदी को तानाशाह लिखा थो जो किसानों की माँग को सुन नहीं रहे हैं। धरने में शामिल होने आये संत बाबा राम सिंह ने भी सरकार के रवैये से दुखी होकर गोली मार कर खुदकुशी कर ली थी।

38 दिन के आंदोलन में अब तक तक करीब 34 किसान दिल्ली बार्डर पर जान गँवा चुके हैं। इसके पहले पंजाब में चले कई महीने के आंदोलन के दौरान 20 किसानों की जान गयी थी।

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