18, सितम्बर को जनमित्र न्यास (JMN), मानवाधिकार जननिगरानी समिति (PVCHR) व सावित्री बा फूले महिला पंचायत के संयुक्त तत्वाधान में सोशल ऑडिट के माध्यम से संस्था ने अपना लेखा जोखा किया सार्वजनिक किया इसके साथ ही “संघर्षरत यातना पीड़ितों” को उनकी व्यथा-कथा और वाराणसी की पहचान गमछा देकर सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम की शुरुआत संस्था की मैनेजिंग ट्रस्टी श्रुति नागवंशी ने संस्था में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताते हुए कहा कि संस्था क्राई के सहयोग से वाराणसी जिले के 4 ब्लाक के 48 गाँव और 1 शहरीय क्षेत्र के 2 स्लम में 2600 परिवार के 6120 बच्चो के स्वास्थ्य व पोषण के साथ साथ किशोरियों व गर्भवती महिलाओ के साथ उनके स्वास्थ्य, पोषण पर कार्य कर रही है साथ ही साथ उनके मौलिक अधिकारों को दिलाने हेतु शासन प्रशासन से पैरवी भी कर रही है. इसके साथ ही किचेन गार्डेन माडल के तहत 452 मुसहर परिवारों को सब्जियों के बीज देकर उन्हें सब्जी उगाने की कला विकसित करते हुए उनके पोषण को सुनिश्चित करने के साथ ही साथ आय का जरिया बनाने की भी प्रक्रिया चलाई जा रही है जिससे कि वो आत्मनिर्भर होने के साथ ही साथ पोषणयुक्त भोजन भी प्राप्त कर सके.
संस्था टाटा ट्रस्ट्स के सहयोग से वाराणसी के बजरडीहा और लोहता क्षेत्र के 20 मदरसों में 5300 बच्चो के बीच में गतिविधि आधारित गुणवत्तापूर्ण तालीम को सुनिश्चित करते हुए मदरसों के परंपरागत शैक्षणिक प्रक्रिया से हटकर उन्हें तकनीकी के माध्यम से शैक्षणिक प्रकिया संचालित की जा रही है.
इसके साथ ही राजदुलारी फाउंडेशन की पारुल शर्मा के सहयोग से वंचित समुदाय की बच्चियों की पढ़ाई जारी रखने के लिए वर्तमान सत्र में 100 बच्चियों को छात्रवृति प्रदान किया जा रहा है.
वित्तीय वर्ष 2017-18 का अनयुटीलाईज फंड नेशनल में रुपये 1800831/- तथा FCRA में रुपये 2608718/- शेष था. वित्तीय वर्ष 2018-19 में संस्था में नेशनल फंड से रूपये 4768011/- प्राप्त हुआ जिसमे से रुपये 547582/- खर्च हुआ. इसके साथ ही FCRA के तहत रुपये 7260058/- प्राप्त हुआ और रुपये 7274911/-खर्च हुआ.
इसके बाद संस्था के संयोजक डा.लेनिन रघुवंशी ने यातना पीडितो के “सम्मान समारोह” के दौरान बताया कि आज समाज में जिसके साथ भी अन्याय होता है वह एकदम हाशिये पर चला जाता है और उसे अपने घर, परिवार और समाज का भी समर्थन न मिलकर उसे दबाने का प्रयास किया जाता है वो भी जब उत्पीड़क पुलिस या राज्य हो. ऐसे में हम ऐसे बहादुर पीड़ितों का सम्मान कर यह सन्देश समाज में देना चाहते है कि लड़ाई अगर संवैधानिक तरीके से लगातार लड़ी जाय तो न्याय अवश्य मिलता है.जिसका उदाहरण आज यहाँ इस कार्यक्रम में उपस्थित ये पीड़ित है.जिन्होंने अनेको चुनौतियों के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी और लगातार कानूनी प्रक्रिया के तहत संघर्ष कर अपने आप में एक उदहारण प्रस्तुत किया है.
सम्मानित होने के उपरांत वाराणसी और सोनभद्र से आये पीड़ित चिंतामणि सेठ,गोपाल सोनकर, गोपाल यादव, हौशिला प्रसाद,केवला देवी,किरन मिश्रा, मकबूल, मनोरमा देवी, प्रेमनाथ सोनकर, राजेश्वरी देवी, सेचईराम यादव, शिवम मिश्रा, सिताबी देवी, संतरा देवी, बिंदु पटेल, प्रीति देवी, अब्दुल मन्नान, कमरजहाँ, रितेश यादव, मीना, कमालुद्दीन, पूनम, गुलपत्ती, पियरी, रामबली, ज्ञान प्रकाश,लल्लू, फूलमती, गुलाब, बुधनी, संत कुमार, कविता, सहोदरी, गुलपतिया, शिव कुमार, ददनी, सुकुवारी, ने भी अपने ऊपर हुए अन्याय को लोगो के समक्ष साझा करते हुए बताया कि इस पीड़ा से निकालने के लिए हमें पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर कितना संघर्ष करना पड़ा. लेकिन न्याय मिलने के बाद एक आत्म संतुष्टि और आत्म विश्वाश जो हमें प्राप्त हुआ उसने पिछले किये गए संघर्षो को एक सुखद क्षण में परिवर्तित कर दिया. आज इस कार्यक्रम के द्वारा जो हमें सम्मान प्राप्त हुआ है वो हमारे इरादों को और मजबूती प्रदान करेगा जिससे आगे हमें संघर्ष करने की हिम्मत देता रहेगा. साथ ही हम अन्य पीडितो के संघर्षो की लड़ाई में अपना सहयोग देते रहेंगे. इस कार्यक्रम में सिद्दीक हसन (सदस्य सचिव), गवर्निंग बोर्ड सदस्य रागिब अली, डा.इफ़्तेख़ार अहमद, इदरीश अंसारी उपस्थित रहे.
PVCHR द्वारा जारी