I&B मंत्रालय की आपत्तियां खारिज, केरल हाइकोर्ट ने IFFI में ‘एस दुर्गा’ को दिखाने का आदेश दिया

केरल उच्‍च न्‍यायालय ने भारत के अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव के आयोजकों को निर्देश दिया है कि वे सनल कुमार शशिधरन की फिल्‍म ‘एस दुर्गा’ को इंडियन पैनोरामा खंड में शामिल करें और उसका प्रदर्शन करें। मामले की सुनवाई करने वाले न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा उठाई गई आपत्तियों को खारिज करते हुए माना कि फिल्‍म का सीबीएफसी प्रमाणित संस्‍करण प्रदर्शन के योग्‍य है।

पिछले हफ्ते शशिधरन ने उच्‍च न्‍यायालय में याचिका दायर की थी जब उनकी फिल्‍म को इंडियन पैनोरामा से बाहर कर दिया गया था। फिल्‍म को पैनोरामा की जूरी ने ही चुना था हालांकि मंत्रालय ने जूरी के फैसले को दरकिनार करते हुए फिल्‍म का प्रदर्शन रोक दिया था और उसे सूची से बाहर कर दिया था।

शशिधरन ने इस फैसले को अभिव्‍यक्ति की स्‍वंत्रता की जीत करार दिया है।

मंत्रालय ने कोर्ट के समक्ष अपनी कार्रवाई के पक्ष में यह दलील रखी कि फिल्‍म का मूल नाम ‘सेक्‍सी दुर्गा’ आपत्तिजनक था और धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला था। मंत्रालय का कहना था कि जूरी ने जो फिल्‍म स्‍वीकार की थी, वह उसका बिना सेंसर किया हुआ मूल संस्‍करण था। अदालत ने पाया कि सीबीएफसी की ओर से फिल्‍म को यू/ए का प्रमाणन हासिल है, लिहाजा उसने मंत्रालय की आपत्ति को उचित नहीं माना। अदालत ने कहा कि जूरी का फैसला अंतिम और बाध्‍यकारी है और मंत्रालय को उसे खारिज करने का कोई अधिकार नहीं है।

पूरा फैसला यहां पढ़ें:

मंत्रालय ने केरल उच्‍च न्‍यायालय में शशिधरन की याचिका की वैधता को इस आधार पर चुनौती दी थी कि उसकी कार्रवाई का केरल से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन अदालत ने इसे भी उचित नहीं माना क्‍योंकि सीबीएफसी का प्रमाणन तिरुअनंतपुरम के उसके क्षेत्रीय कार्यालय से जारी किया गया था। सनल शशिधरन की ओर से अधिवक्‍ता मनु सेबास्टियन ने अदालत में दलील रखी थी।

अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव का आरंभ 20 नवंबर को गोवा में हुआ है। यह 28 नवंबर तक चलेगा। इस आदेश के बाद ‘एस दुर्गा’ के लिए तय चर्या से बाहर एक विशेष स्‍क्रीनिंग का आयोजन करना पड़ेगा।


लाइवलॉ डॉट इन की खबर पर आधारित और फैसले की प्रति वहीं से साभार

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