विश्वदीपक
ज़ी न्यूज़ के मालिक सुभाष चंद्रा ने कुछ दिनों पहले दिल्ली में जो भारी पार्टी दी थी, उसकी चर्चा आज तक लुटियन दिल्ली में होती है। इस पार्टी में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों आए थे। दो तरह की चर्चाएं हो रही हैं। एक तबका ऐसा है जो एस्सेल समूह के कथित तौर पर 90 बरस का होने पर मौज ले रहा है क्योंकि नौ दशक पहले चंद्रा के दादा ने परचून की दुकान खोली थी। एस्सेल समूह तो अस्सी के दशक की पैदाइश है!
कुछ और लोग उस आयोजन के पीछे छुपा हुआ एजेंडा खोज रहे हैं। लुटियन दिल्ली में चर्चा है कि चंद्रा ने इस मौके का इस्तेमाल पहले से चल रहे अपने उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड केंद्रित चैनल को राष्ट्र को समर्पित करने के लिए किया। उस पार्टी में हालांकि अधिकतर लोगों की निगाहें सुब्रत रॉय सहारा और उनके संकटमोचक रहे अमर सिंह की ओर थीं। याद करें कि वे अमर सिंह ही थे जो नब्बे के दशक में बहुचर्चित ‘भारत पर्व’ का आयोजन करवाते थे जिसमें देश भर के जाने-माने लोग आते और कई दिनों तक महफि़ल जमी रहती थी।
बदकिस्मती से रॉय का वक्त फिलहाल खराब चल रहा है और वे तिहाड़ जेल में अपनी जिंदगी काट रहे हैं। इस बीच आयकर विभाग द्वारा ज़ब्त सहारा समूह के काग़ज़ात सुर्खियों में हे जिनके मुताबिक इस समूह ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई अन्य नेताओं को पैसे पहुंचाए थे।
यह अब तक साफ़ नहीं है कि सुभाष चंद्रा की पार्टी में रॉय की मुलाकात नरेंद्र मोदी के साथ हो सकी या नहीं, लेकिन एक चर्चा यह आम थी कि यह राष्ट्रवादियों का जमावड़ा था और चंद्रा ने राष्ट्रवाद की होड़ में रॉय को काफी पीछे धकेल दिया है।
nationalheraldindia.com से साभार