रोज़गार माँगे इंडिया : युवाओं को रोज़गार दो, वरना गद्दी छोड़ दो!

लगता है कि देश किसी बड़े परिवर्तन के मुहाने पर खड़ा है। देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई, किसान आक्रोश की गिरफ़्त में है तो राजधानी दिल्ली में बेरोज़गारी के सवाल पर व्यापक गोलबंदी की शुरूआत हो रही है। पिछले कई दिनों से ‘एसएससी स्कैम’ के ख़िलाफ़ नौजवानों का गुस्सा सड़क पर नज़र आ रहा था, जिसे अब बेरोज़गारी के बड़े सवाल से जोड़ने की मुहिम शुरू हुई है। इसी के तहत प्रतियोगी परीक्षार्थियों और तमाम अन्य युवा बेरोज़गार ने रोज़गार माँगे इंडिया नाम से एक औपचारिक अभियान शुरू किया है जिसकी स्थापना संगोष्ठी कल यानी 11 मार्च की शाम दिल्ली के प्रेस क्लब प्रांगण में हुई। पेश है, इस मौके पर जारी पर्चा जिसे लेकर दिल्ली तथा देश के तमाम हिस्सों में व्यापक प्रचार अभियान चलाने का फ़ैसला किया गया है। आयोजकों का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार धार्मिक उन्माद फैलाकर नौजवानों को गुमराह कर रही है, यह आंदोलन उसका सटीक जवाब होगा  और बेरोज़गारी को राष्ट्रीय विमर्श के केंद्र में लाएगा।   

 

कहां है ‘स्किल इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘न्यू इंडिया’

सरकार की ‘पकौड़ा बेचो रोजगार योजना’ में पिसता बेरोजगार इंडिया

सुरक्षितनियमित और सम्मानजनक वेतन वाले रोजगार के लिए छात्रों-युवाओं का साझा मंच

दोस्तो,

सत्ता संभालने के 4 साल बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना पहला टीवी इंटरव्यू अपने पिट्ठू चैनल Zee News पर दिया। इसमें उन्होंने कहा कि ‘पकौड़ा बेचने को भी सरकार द्वारा के रोजगार देने के तहत गिना जाना चाहिए’! आपको याद होगा कि इस सरकार का चुनावी वायदा था कि ‘अगर भाजपा सत्ता में आई तो हर साल दो करोड़ नई नौकरियां पैदा करेगी।’ लेकिन आज यही सरकार नौकरी के मतलब को ही बदल देना चाहती है! सरकार द्वारा रोजगार देने का एक ही मतलब हो सकता है कि उसमें नियमितता, सुरक्षा, सुविधायें और प्रोन्नति हो! सम्मानजनक न्यूनतम आय हर महीने, हर हाल में मिले। वर्तमान मोदी सरकार द्वारा रोजगार की इन संभावनाओं को ही खत्म कर देने का नाम है- ‘प्रधानमंत्री पकौड़ा बेचो रोजगार योजना’!

नौकरी के कम होते अवसरों के अगर वर्षों बाद कोई परीक्षा भी हो रही है तो सीटें लाखों रुपये में बेच दी जा रही हैं। हाल में हुई ssc परीक्षा में हुई व्यापक धांधली ने उन छात्रों के भविष्य पर गंभीर संकट खड़ा कर दिया जो मेहनत से तैयारी में लगे थे, सालों से इंतजार में थे और सीटें खरीदने के लिए लाखों रुपये नहीं लगाये! एक ऐतिहासिक आंदोलन इस बीच ssc मुख्यालय पर शुरू हुआ, जो तुरंत ही देश के कई शहरों में पैफल गया। युवाओं की मांग है कि ssc परीक्षा में हुई धांधली पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच हो!

लेकिन शर्मनाक तरीके से सरकार आंदोलन स्थल पर अपने नेताओं को भेजकर युवाओं को और आंदोलन को गुमराह कर रही है। मेट्रो गेट और पब्लिक टॉयलेट बंद किये गयें। यहां तक कि ssc ने एक ‘नोटिस’ लाकर कहा कि आयोग को बदनाम करने के लिए उल्टे आंदोलनकारियों पर ही जांच बैठाई जाएगी! आज ‘न खाउंगा और न खाने दूंगा’ के जुमलों पर सवार यह सरकार ssc परीक्षा जैसी बड़ी धांधलियों को ढंकने को इतनी बेताब क्यों है? हमें ऐसी आंदोलनों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए तथा युवाओं को रोजगार की मांग के साथ एकजूट करना चाहिए!

दोस्तों, भारत में हर साल करीब सवा से डेढ़ करोड़ रोजगार योग्य युवा श्रमिक आबादी तैयार हो रही है। लोकतंत्र की यही नींव है कि इस पूरी पीढ़ी को सम्मानजनक भविष्य की गारंटी कर पाये। लेकिन रोजगार की दृष्टि से पिछले चार सालों की वास्तविकता भयानक है-

हर क्षेत्र में रोजगार खत्म कर ‘विकास’ के जुमले उछाले जा रहे हैं। आखिर यह कैसा ‘विकास’ और ‘न्यू इंडिया’ है जिसमें देश के युवाओं की एक पूरी पीढ़ी को बेरोजगारी की ओर धकेला जा रहा है। एक तरफ़  युवाओं के भविष्य, अर्थात् हमारे देश के भविष्य को अंध्कार में धकेला जा रहा है तो दूसरी ओर देश के 1% लोगों के पास 73% संपत्ति आ चुकी है।

युवाओं को बेरोजगारी में धकेलने वाली सरकार बेरोजगारों का मजाक भी उड़ा रही है। एक तरफ प्रधानमंत्री पकौड़ा बेचने को रोजगार बता रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह राज्य सभा में कहते हैं कि ‘भीख मांगने से अच्छा है पकौड़ा बेचना’! रेलमंत्री पियूष गोयल ने देश के शीर्ष 200 कंपनियों में नौकरियों की कटौती को ‘शुभ संकेत’ बताकर कहा कि ‘हमारे युवा रोजगार मांगने वाले नहीं, रोजगार देने वाले हैं’! सरकारी से लेकर प्राइवेट सेक्टर तक रोजगार के सभी अवसरों को खत्म कर सरकार में बैठे लोगों द्वारा की जा रही ये बातें उन युवाओं का अपमान है जिसे ढेर सारे सपने दिखाकर यह सरकार सत्ता में आई है।

देश के युवा आज इस सरकार से कहना चाहती है रोजगार कोई भीख नहीं है, बल्कि हमारा अध्किार है! जुमलेबाजी से इस अधिकार को छिनने की साजिश इस देश के युवा कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। रोजगार की मांग को ढंकने के लिए युवाओं में सांप्रदायिक और जातिगत उन्माद भड़काने की उनकी कोशिश कभी सफल नहीं होगी!

दोस्तों, हम आपसे अपील करते हैं कि नियमित, सुरक्षित और सम्मानजनक रोजगार की मांग के साथ देशभर के युवा एकजूट हों! रोजगार मांगे इंडियाअभियान की मांग है कि –

Ø 2019 से पहले सरकार रेलवे, बैंकिंग, कर्मचारियों, स्कूलों-कॉलेजों और दफ्तरों के सभी खाली पदों को भरना होगा!

Ø सभी चयन आयोगों द्वारा सलाना और नियमित भर्ती के लिए ठोस कानून बनाओ!

Ø प्राइवेट सेक्टर में भी नियमित भर्ती की गारंटी करो! मुनाफा के अनुपात में नौकरी नहीं देने वाली कंपनियों पर कार्रवाई हो!

Ø फॉर्म का दाम फ्री करो! परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड को फ्री रेलवे पास घोषित करो!

Ø देश में रोजगार और रिक्तियों की वर्तमान स्थिति पर सरकार व्हाइट-पेपर जारी करे!

Ø परीक्षाओं में धांधली और रिजल्ट आने के बाद भी नियुक्ति में देरी का सिलसिला खत्म करो! उच्चस्तरीय जांच से धांधली करने वालों को चिन्हित कर उन्हें तुरंत सजा दो!

Ø परिणाम घोषित होने के 6 महीने के भीतर नियुक्ति की गारंटी करो!

 

फेसबुक पेज –  https://www.facebook.com/RozgarMangeIndia/

 



 

First Published on:
Exit mobile version