पुलिस के रवैये से तीन घंटे नहीं हो सका डॉ. कफ़ील के भाई का ऑपरेशन, हालत स्थिर

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर गोरखपुर में कल रात बदमाशों की गोली से घायल डा.कफील अहमद खान के छोटे भाई काशिफ़ जमील का देर रात स्टार हॉस्पिटल में ऑपरेशन हुआ और गले में अटकी गोली निकाल दी गई। लेकिन पुलिस के रवैये की वजह से इस ऑपरेशन में क़रीब तीन घंटे की देरी हुई जिससे काशिफ़ की हालत और गंभीर हो गई।

काशिफ़ जमील फिलहाल आईसीयू में हैं। डाक्टरों ने कहा है कि 48 घंटे तक उन्हें गहन निगरानी में रखा जाएगा।

33 वर्षीय काशिफ़ जमील को दो बदमाशों ने रात 10.30 बजे गोरखनाथ ओवरब्रिज के पास गोली मार दी थी। बदमाशों ने काशिफ़ जमील को तीन गोलियां मारीं। एक गोली उनके गर्दन में धंस गई, दूसरी गले को चीरती हुई निकल गई जबकि तीसरी कंधे में लगी। गर्दन में लगी गोली काशिफ़ जमील के लिए जानलेवा हो सकती है। इसलिए चिकित्सकों की राय थी कि जल्द से जल्द आपरेशन कर गोली निकाल दी जाए। गोली के असर से काशिफ़ जमील के हाथ में झनझनाहट थी और धीरे-धीरे उनका हाथ काम करना बंद कर रहा था।

इसी बीच स्टार हास्पिटल पहुंची पुलिस, डॉक्टरों की सलाह की अनदेखी करते हुए काशिफ़ जमील का मेडिको-लीगल कराने के लिए उन्हें जिला अस्पताल ले गई। वहां उनका मेडिको लीगल हो गया। इसके बाद परिजन काशिफ़ को ऑपरेशन के लिए स्टार हास्पिटल लाना चाहते थे। परिजनों के अनुसार पुलिस ने कहा कि काशिफ़ का एक और मेडिको लीगल बीआरडी मेडिकल कालेज में होगा और उन्हें वहां ले जाया जाएगा। परिजनों ने इसका विरोध किया तो वहां मौजूद सीओ गोरखनाथ ने भारी पुलिस बल बुला लिया और काशिफ़ जमील को बीआरडी मेडिकल कालेज ले गए। वहां इर्मेजेन्सी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों ने जिला अस्पताल में मेडिको लीगल हो जाने के बाद दुबारा मेडिको लीगल किए जाने से मना कर दिया और कहा कि परिजन जहां मरीज का इलाज कराना चाहते हैं, उसे ले जा सकते हैं। इसके बाद काशिफ जमील को दुबारा स्टार हास्पिटल ले जाया गया।

पुलिस के रवैये के कारण करीब तीन घंटे तक काशिफ़ का आपरेशन नहीं हो सका। इससे डा. कफील और उनके परिजन बेहद आक्रोशित दिखे। परिजनों ने कहा कि यदि काशिफ को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदार पुलिस होगी.

जानकारों ने अनुसार हमलावरों ने अचूक निशाना लगाया था। यह संयोग ही था कि काशिफ़ बच गए। गले में लगी गोली थोडी तिरछे होकर लगी नहीं तो यह गोली उनकी जान ले सकती थी। काशिफ़ ने तीन गोली लगने के बावजूद अत्यंत साहस का परिचय दिया और पुलिस व अपने भाई को घटना की जानकारी देने के बाद आटो से स्टार हॉस्पिटल पहुंच गए।

काशिफ के भाई डा. कफील ने बताया कि आपरेशन सफल रहा है। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि मुख्यमंत्री के शहर में मौजूद हैं। गोरखनाथ से महज 500 मीटर की दूरी पर बदमाशा बेखौफ उनके भाई पर गोलियां चलाते हैं और भाग निकलते हैं। इससे कानून व्यवस्था की स्थिति का पता चलता है।

 

गोरखपुर न्यूज़लाइन के इनपुट के साथ

 



 

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