डालमिया ने किया लाल किला फ़तह, ताजमहल के ठेके के लिए ITC और GMR में भिड़ंत

मुगल सल्तनत की अमूल धरोहर और देश की शान कहे जाने वाले लालकिले को सरकार ने बेच दिया है। इक्नोमिक्स टाइम्स की खबर के मुताबिक़ सरकार ने इसे 25 करोड़ रुपए की कीमत पर डालमिया भारत समूह को पांच साल के लिए बेच दिया है। सरकार “एडॉप्ट वन हैरिटेज” नीति के तहत बेहतर प्रबंधन और उनके रखरखाव के लिए धरोहरों को निजी घरानों के हाथ में देने की योजना बनाई थी। इस सिलसिले में सबसे पहले लालकिले को डालमिया भारत समूह को बेचा गया। लालकिले को खरीदने के लिए डालमिया भारत के साथ मुकाबले में इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर समूह जैसी दिग्गज कंपनियां भी शामिल थीं। इस सफलता के साथ डालमिया भारत समूह किसी ऐतिहासिक स्थल को गोद लेने वाला देश का पहला व्यापारिक घराना बन गया है।

डालमिया समूह ने यह ठेका पांच साल के लिए प्राप्त किया है जिसके बाद नियमों के तहत आगे बढाया जा सकता है। लालकिले को जीतने वाले डालमिया समूह के महेंद्र सिंघी ने कहा कि इमारत की हालत सुधरने वाले काम तीस दिनों के भीतर शुरू कर दिए जायेंगे। समूह की पहली प्राथमिकता पब्लिक सुविधाओं को बढ़ाना है जिसके तहत पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि यह उपभोक्ता केंद्रित प्रोजेक्ट होगा, जिसके तहत कोशिश होगी कि दिल्ली और एनसीआर के लोग यहां एक बार नहीं, बल्कि बार-बार आएं।

मोदी सरकार द्वारा 2017 में शुरू की गई ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ योजना के तहत 90 से ज्यादा ऐतिहासिक इमारतों और स्थलों को व्यापारिक घरानों द्वारा गोद लेने के लिए रखा गया है। इनमें उत्तर प्रदेश का ताजमहल, हिमाचल प्रदेश का कांगड़ा फोर्ट और मुंबई की बौद्ध कन्हेरी गुफाओं जैसे स्थल शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक डालमिया समूह को लाल किले के अलावा आंध्र प्रदेश के गांदीकोटा किले का भी कॉन्ट्रेक्ट मिला है। इसके अलावा कोणार्क के सूर्य मंदिर का कॉन्ट्रेक्ट मिलने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। वहीं, ताजमहल के कॉन्ट्रेक्ट के लिए जीएमआर स्पोर्ट्स और आईटीसी को अंतिम सूची में जगह मिली है।

रिपोर्ट के मुताबिक नौ अप्रैल को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के साथ हुए समझौते के तहत डालमिया समूह को लाल किले में आने वाले दर्शकों से शुल्क वसूलने का अधिकार होगा। इसके अलावा वह लाल किले के भीतर शुरू होने वाली सेमी-कॉमर्शियल सुविधाओं के लिए भी शुल्क ले सकेगा। इनकी दरों का फैसला एक विशेष समिति द्वारा किया जाएगा। यही नहीं, समूह को इससे मिलने वाले राजस्व को वापस लाल किले के विकास और रखरखाव पर ही खर्च करना होगा।

 

 

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