रविवार, 20 अक्टूबर को दिल्ली के मयूर विहार फेज -3 में रेहड़ी-खोखा-पटरी उजाड़ने के खिलाफ़ ‘रोज़गार मार्च’ निकाला गया। मार्च में खोड़ा कॉलोनी, कल्याणपुरी, मंडावली, लक्ष्मीनगर समेत पूर्वी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से रेहड़ी-खोखा-पटरी लगाने वाले दुकानदारों ने हिस्सा लिया। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से लगातार स्वरोजगार करने वाले छोटे दुकानदारों को दिल्ली पुलिस व एम.सी.डी. के द्वारा उजाड़ा जा रहा है। घनघोर आर्थिक मंदी के दौर में जब कल-कारखानें बंद हो रहे हैं, तब बमुश्किल रोजी-रोटी जुटा पा रहे रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को उजाड़ना, सरकार द्वारा उठाया जा रहा अत्यंत क्रूर व गैरक़ानूनी कदम है। इस तरीके से इन दुकानदारों को हटाना ‘पथ विक्रेता अधिनियम, 2014’ के हिसाब से भी गलत है। न तो इन दुकानदारों का कोई ‘सर्वे’ किया गया है और न ही कोई वैकल्किप जगह दी गई है।
मार्च की अगुवाई कर रहे, भाकपा-माले के राज्य सचिव कामरेड रवि राय ने कहा कि, “पिछले कुछ महीनों से लोकल थाने के कुछ अफसरों द्वारा इन दुकानदारों को जबरन दुकान लगाने से रोका जा रहा है। ये सरासर गलत है, दिल्ली पुलिस को इस तरह की कार्रवाई का कोई अधिकार नही। रोज़गार के सिकुड़ते अवसर पहले से ही जनता को व्यथित किए हुए हैं, ऐसे में दिल्ली में दूर-दराज से आनेवाले गरीबों-मज़दूरों को उजाड़ना गलत है। भाकपा-माले गरीबों-मेहनतकशों की लड़ाई तेज़ करने के लिए हमेशा तैयार है, हम पीछे नही हटेंगे।”
सभा में मौजूद सभी दुकानदारों ने आने वाले दिनों में अन्याय का डटकर मुकाबला करने व अपनी जगह न छोड़ने का संकल्प लिया।
विज्ञप्ति: रवि राय, सचिव, भाकपा-माले, दिल्ली राज्य कमिटी द्वारा जारी