बलींद्र सैकिया की गिरफ्तारी के खिलाफ माले का विरोध प्रदर्शन

 

भाकपा माले केंद्रीय कमिटी सदस्य व अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव असम के युवा नेता बलींद्र सैकिया की रिहाई, और अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव व विप्लवी किसान संदेश पत्रिका के संपादक पुरुषोत्तम शर्मा को दिल्ली पुलिस द्वारा फर्जी तौर पर दिल्ली दंगों की एफआईआर में फांसने व पूछताछ के नाम पर 8 घण्टे बिठाए रखने के खिलाफ आज भाकपा-माले और अखिल भारतीय किसान महासभा ने राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाया।

बलींद्र सैकिया को असम के डिब्रूगढ़ ज़िले के आवास से उन्हें पांच दिन पहले गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. असम में CAA विरोधी आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता और किसान नेता बलींद्र सैकिया इन दिनों एक सड़क निर्माण परियोजना में अपनी ज़मीन गवां चुके किसानों के लिए मुआवज़े के सवाल पर धारावाहिक आंदोलनों का नेतृत्व कर रहे थे.

भाकपा माले नेताओं ने कहा कि गिरफ्तारी से पूर्व भाजपा समर्थित गुंडों के नेतृत्व में आए एक झुंड ने इनके घर को सुबह में घेर लिया और स्थानीय पार्टी समर्थकों के आने तक उन्हें बाहर आने के लिए ललकारता रहा था. थाने में शिकायत दर्ज हुई पर उनकी गिरफ्तारी के बजाय उल्टे बलींद्र सैकिया को गिरफ़्तार कर लिया गया.

कुछ दिन पूर्व असम में कार्यरत पार्टी केंद्रीय कमिटी के एक अन्य सदस्य बिबेक दास को विश्वनाथ ज़िले के चाय बागान मज़दूरों व गरीबों की हालत पर महज़ एक फेसबुक पोस्ट लिखने को जुर्म बताकर मुकदमा दर्ज़ करते हुए उनका फ़ोन ज़प्त कर लिया गया.

भाकपा-माले और अखिल भारतीय किसान महासभा ने इस राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस पर मांग की है कि असम सरकार अखिल गोगोइ व बलींद्र सैकिया जैसे लोकप्रिय युवा किसान नेताओं का दमन बंद करे. बलींद्र सैकिया को अविलंब बिना शर्त रिहा करे व उनके हमलावरों की गिरफ्तारी हो.

इसी तरह दिल्ली पुलिस द्वारा किसान नेता और विप्लवी किसान संदेश के संपादक पुरुषोत्तम शर्मा को सीसीए विरोधी आंदोलनों का समर्थन करने के कारण साजिशन दिल्ली दंगों की साजिश वाले मुकदमे से जोड़ने की निंदा की है। इसी सिलसिले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पुरुषोत्तम शर्मा को 8 अगस्त को 8 घण्टे तक लोधी कालोनी थाने स्थित कार्यालय में पूछताछ के नाम पर बिठाए रखा।

दोनों संगठनों ने दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली दंगों के असली साजिशकर्ता भाजपा नेता कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर को बचाने के लिए, मजदूरों, किसानों और लोकतंत्र की रक्षा की आवाज उठाने वाले तथा सीसीए आंदोलन को समर्थन देने वाले कार्यकर्ताओं को एक सुनियोजित साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया। दोनों संगठनों ने मांग की कि दिल्ली पुलिस दिल्ली दंगों को भड़काने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करे और सीएए विरोधी लोकतांत्रिक आंदोलन से जुड़े या उसे समर्थन करने वाले कार्यकर्ताओं के नाम साजिशन दिल्ली दंगों की एफआईआर से जोड़ने के कृत्य पर रोक लगाए।

दिल्ली, बिहार, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम, त्रिपुरा, कर्नाटक, पांडुचेरी, केरल, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों में भाकपा-माले व किसान महासभा के नेताओं कार्यकर्ताओं ने आज इस विरोध प्रदर्शन को आयोजित किया।

राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रही भाजपा सरकार: राजाराम सिंह

भाकपा-माले नेता बलींद्र सैकिया की गिरफ्तारी के खिलाफ आज पूरे बिहार में प्रतिवाद हुआ. राजधानी पटना में माले के पोलित ब्यूरो सदस्य, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने प्रतिवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि बलिंद्र की गिरफ्तारी के पहले हमारे संगठन के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा को भी दिल्ली दंगों के सिलसिले में पुलिस ने बेवजह परेशान किया. दिल्ली दंगों के असली अपराधियों को बचाया जा रहा है लेकिन आंदोलनकारियों को तंग तबाह किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि असम सरकार बलींद्र सैकिया को अविलंब बिनाशर्त रिहा करे व उनके हमलावरों की गिरफ्तारी हो.

राजाराम सिंह ने कहा कि असम में अखिल गोगोई व बिट्टू सोनोवाल से लेकर भाकपा-माले नेता बिबेक दास व अब बलींद्र सैकिया तक को निशाना बनाना स्पष्ट तौर पर भाजपा सरकार द्वारा संविधान व मेहनतकशों के अधिकार के लिए उठने वाली आवाज़ों के देशव्यापी दमनचक्र का हिस्सा है.

अखिल भारतीय किसान महासभा की ओर से आहूत राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद दिवस पर पटना में केडी यादव व उमेश सिंह, आरा में पार्टी विधायक सुदामा प्रसाद, कॉमरेड शोभा मण्डल, जहानाबाद में राज्य सचिव रामाधार सिंह, पटना सिटी में अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार उपाध्यक्ष एवं जल्ला किसान संघ र्ष समिति के सचिव शंभू नाथ मेहता ने अपने आवास पर उपरोक्त मांगों को लेकर धरना दिया.  इसी के साथ गुलजार बाग में कामरेड आत्माराम, चंद्र भूषण आदि नेताओं ने धरना दिया.

दरभंगा, मुज़्ज़फ़रपुर, गया, सिवान, समस्तीपुर, नालंदा, नवादा, अरवल आदि जगहों पर भी प्रतिवाद दर्ज किए गए. मुज़्ज़फ़रपुर के गायघाट में किसान नेता जितेंद्र यादव के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया. पटना के मनेर, बिहटा, पुनपुन, बाढ़ आदि प्रखंड केंद्रों पर भी विरोध हुए.


 

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