26 जनवरी की किसान परेड में गोलीबारी और हत्या कराने की सरकारी साज़िश बेपर्दा !

किसान एकता मोर्चा के नेताओं ने इस युवक को पुलिस को सौंप दिया है और केंद्र  सरकार पर आरोप ल़िलगाया है कि वह अपनी एजेंसियों के ज़रिये आंदोलन के ख़िलाफ़ साजिश रच रहा है।

किसानों  की  26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड को खूनी परेड बनाने की सनसनीखेज़ साज़िश का खुलासा हुआ है। शुक्रवार रात क़रीब 11 बजे किसान एकता मोर्चा ने एक प्रेस कान्फ्रेंस करके एक युवक को पेश किया जिसने माना कि उसे रैल में गड़बड़ी के लिए भेजा गया है।

नकाबपोश युवक ने बताया कि उसने गरीबी की वजह से ऐसा किया। उसे एक पुलिसवाले की तरफ से दस हजार रुपये दिये गये थे। बताया गया था कि ये किसान देश के दुश्मन हैं। उसका काम ये पता करना था कि सिखों के पास हथियार तो नहीं है। इसके अलावा दस लोगों की टीम पहुँच गयी है जो 26 जनवरी की परेड होने पर किसानो की तरफ से पुलिस पर फायरिंग के लिए तैयार हैं ताकि पुलिस को कार्रवाई का मौका मिल जाये। इसके अलावा चार लोगों को जान से मारने की भी योजना है। खालिस्तानी झंडा फहराकर लोगों को आंदोलन के खिलाफ़ करने की भी साज़िश रची गयी है।

किसान एकता मोर्चा के नेताओं ने इस युवक को पुलिस को सौंप दिया है और केंद्र  सरकार पर आरोप ल़िलगाया है कि वह अपनी एजेंसियों के ज़रिये आंदोलन के ख़िलाफ़ साजिश रच रहा है।

 

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