अयोध्या का फैसलाः कांग्रेस, भाजपा और संघ, आस्था और विश्वास के रंग में संग

राम मंदिर के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से दिया है। 

अदालत का पूरा जजमेंट यहां पढ़ा जा सकता है:

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इस ऐतिहासिक फैसले के बाद जो प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया पर आ रही हैं उन पर गौर करना जरूरी है। सबसे पहले देश के गृह मंत्री और सत्ताधारी दल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की प्रतिक्रिया गौरतलब है। अमित शाह ने फ़ैसले का स्वागत किया है। इस फैसले के बाद अमित शाह ने ट्वीट किया है- “श्री राम जन्मभूमि कानूनी विवाद के लिए प्रयासरत; सभी संस्थाएं, पूरे देश का संत समाज और अनगिनत अज्ञात लोगों जिन्होंने इतने वर्षों तक इसके प्रयास किया मैं उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ।”

एक और ट्वीट में अमित शाह ने लिखा है- “मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा।”

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ”सुप्रीम कोर्ट का यह फ़ैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है। यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में क़ानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है।”

”हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया। न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीक़े से समाधान कर दिया। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फ़ैसला सुना दिया है।”

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री मोदी की तरह ही प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “हम योगदान करने वाले सभी सहयोगियों और बलिदानियों को याद करते हैं। भाईचारा बनाए रखने के लिए सरकारी और समाज स्तर पर हुए प्रयासों का भी हम स्वागत और अभिनंदन करते हैं। संयमपूर्वक न्याय का इंतज़ार करने वाली भारतीय जनता भी बधाई की पात्र है। इसे जय-पराजय के रूप में नहीं देखना चाहिए। सभी से अनुरोध है कि संयमित और सात्विक तरीके से अपने आनंद को व्यक्त करें। अतीत की सभी बातों को भुलाकर हम सभी श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण में अपने कर्तव्यों का निर्वाह करेंगे।”

संघ प्रमुख मोहन भागवत से पत्रकारों ने पूछा कि क्या संघ अब मथुरा-काशी पर सक्रिय होगा, जैसा संघ के आनुषंगिक संगठनों की ओर से पहले नारे लगाए जाते थे?

संघ प्रमुख ने ऐसी संभावनाओं से इनकार करते हुए कहा, “मैं संघ में राष्ट्रीय पदाधिकारी भी नहीं था जब संघ इस आंदोलन से जुड़ गया। संघ आंदोलन करने वाला संगठन नहीं है।  वह एक अपवाद के तौर पर इससे जुड़ा। अब हम दोबारा मनुष्य निर्माण के काम में लगेंगे। ”

अदालत परिसर में वकीलों ने लगाए जय श्रीराम के नारे

कांग्रेस पार्टी ने कहा है- सुप्रीम कोर्ट ने आस्था और विश्वास का सम्मान किया है।

सुन्नी वक्फ़ बोर्ड ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर असंतोष जाहिर किया है और पूरा फैसला पढ़ने के बाद पुनर्विचार याचिका दायर करने का मन बनाया है। मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि “हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन फैसले में कई विरोधाभास हैं, लिहाजा हम फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि “हम फैसले का मूल्यांकन करेंगे और आगे की कार्रवाई पर फैसला लेंगे।”

प्रियंका गांधी ने कहा फ़ैसले का सम्मान, भाईचारा बनाएं रखें। उन्होंने ट्वीट कर कहा- “अयोध्या मुद्दे पर भारत की सर्वोच्च अदालत ने फैसला दिया है। सभी पक्षों, समुदायों और नागरिकों को इस फ़ैसले का सम्मान करते हुए हमारी सदियों से चली आ रही मेलजोल की संस्कृति को बनाए रखना चाहिए। हम सबको एक होकर आपसी सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करना होगा।”

बाबा रामदेव ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा, “यह ऐतिहासिक निर्णय है… भव्य राममंदिर का निर्माण किया जाएगा… मस्जिद के लिए वैकल्पिक भूमि आवंटित किए जाने के फैसले का स्वागत है… मेरा मानना है कि हिन्दू भाइयों को मस्जिद के निर्माण में भी सहायता करनी चाहिए…”

अयोध्या भूमि विवाद का पूरा मामला क्या था? मुकदमे के कानूनी इतिहास को बिंदुवार समझने के लिए नीचे दिया दस्तावेज़ देखें।

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बाबरी मस्जिद -राम जन्मभूमि विवाद कैसे चला अब तक ?

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