सार्वजनिक अनुदान से चलने वाले उच्च शिक्षण संस्थाओं के छात्रों-शिक्षकों के समर्थन में जनसभा

पिछले दिनों जिस तरीके से जनता के पैसे से चलने वाले उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों पर केंद्र सरकार ने संगठित हमला किया है, उसके खिलाफ छात्रों और शिक्षकों में बहुत आक्रोश है। जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय, दिल्‍ली युनिवर्सिटी, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज़, एएमयू, जामिया आदि संस्‍थानों में अब पढ़ाई लिखाई की बात तो दूर रही, सारी लड़ाई इन संस्‍थानों को उनके मूल स्‍वरूप में बचाने पर आ टिकी है।

ऐसे में सिकुड़ते हुए लोकतांत्रिक स्‍पेस पर जन आयोग (पीसीएसडीएस) और प्रेस क्‍लब ऑफ इंडिया ने संयुक्‍त रूप से एक जनसभा का आह्वान किया है। इसमें छात्र, शिक्षक, कर्मचारी समेत उनके यूनियनों और शिक्षाविदों की भागीदारी होनी है।

पिछले दिनों जिस तरीके से ऑटोनॉमी के सवाल रैली निकालने वाले जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों को दिल्‍ली पुलिस ने बेरहमी से मारा, उसके खिलाफ़ छात्रों में जबरदस्‍त आक्रोश है। मुंबई के टीआइएसएस ने लंबी लड़ाई लड़ी है और आज भी वहां के छात्र संघर्ष कर रहे हैं।

सभा शनिवार को दिल्‍ली के प्रेस क्‍लब में दोपहर तीन बजे से शुरू होगी।

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