IIT-BHU में छात्राओं का धरना, प्रशासन पर मीडिया में झूठ बोलने का आरोप

26 अगस्त को देर रात 12 बजे बारिश में भीगते हुए IIT BHU के न्यू गर्ल्स होस्टल की लड़कियों ने मेस व होस्टल से जुड़े कई दिक्कतों को ले कर IIT के डायरेक्टर के घर धरना दिया था। कई बार के कम्प्लेंट्स, अप्पलीक्शन और 3 हफ्ते से बन रखी कमेटी से जब कुछ नहीं हुआ तब जा कर अपने संवैधानिक अधिकारों के साथ धरने का रास्ता ही उनके लिए बचा।

इस धरने के बाद IIT प्रशासन ने एक मीटिंग की, जिसमें सबसे मुख्य मांग मेस पर सबसे अंतिम में बात की गई और छात्राओं की मांगों को दरकिनार कर दिया। प्रशासन न तो महाराज सिस्टम के लिए राजी हुए और न ही एक से ज्यादा मेस की मांग को माना गया है। आज प्रशासन ने अखबार में छपवाया की लड़कियां उनकी मीटिंग से सहमत हैं और वाटर कूलर लगा दिए गए हैं। ऐसे ही कई झूठ प्रशासन ने मीडिया को बताई है।

न्यू गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियां उनके मीटिंग से न तो सहमत है और न ही उनके मुद्दों को ठीक से हल करने की कोशिश की गई है। साथ ही मीडिया में फैलाये झूठ के कारण लड़कियां प्रशासन से बहुत गुस्से में थी।

IIT प्रशासन ने तानाशाही पूर्ण तरीके से पिछले धरने में जो लड़कियां आगे थी उनके गाइड को फोन कर के लड़कियों को टारगेट किया। ये बहुत ही गैर संवैधानिक कार्यवाही प्रशासन द्वारा की गई है जिससे लड़कियों का रोष और ज्यादा बढ़ गया है।

लड़कियां मेस महाराज सिस्टम और एक से ज्यादा मेस की मांग को ले कर अभी भी अडिग हैं। जिसको लेकर 28 अगस्त को लड़कियां दुबारा से धरने पर गई और डायरेक्टर के घर का घेराव किया। लड़कियां IIT प्रशासन की तानाशाही के आगे नही झुकी व 700 लड़कियों ने एक सिस्टम की मांग के लिए  पूरी रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक सड़क पर धरना देती रही। प्रशासन ने पहले के 3 घंटे तो लड़कियों से उनकी मांगों को लेकर बात ही नहीं  की, बस उनके धरना को खत्म करने की कोशिश करते रहे। चेयरमैन ऑफ वार्डन (CoW) एक और महाराज सिस्टम मेस के लिए राजी हुए पर उन्होंने यह शर्त रखी के उसमें बस 50 लड़कियां ही खा सकती हैं ।

CoW ने पूरे धरने को कपड़ो की दुकान बना दिया और मोलभाव करने लगे कि कितनी लड़कियां खाये इतने बड़े कॉलेज में इससे बड़े शर्म की बात क्या ही हो सकती है। प्रशासन के इस मोलभाव से तंग आ कर लड़कियों ने 200 लड़कियों के लिए दूसरी मेस की मांग की पर CoW नही माने।
धरने के शुरू होने के 5 घंटे बाद IIT के निर्देशक अपने घर लौटे जो लड़कियों के धरने की जानकारी होते ही IIT गेस्ट हाउस निकल गए थे।

IIT गेस्ट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्देशक ने बहुत सी झूठी व बिना तर्क की बातें मीडिया को कही। उन्होंने मीडिया से कहा है कि लड़कियों को हाईलाइट होना है इसलिए धरना दे रही है।

इतनी घटिया और छात्र विरोधी स्टेटमेंट की वो भी इतने बड़े इंस्टीटूट के निर्देशक से छात्राओं को बिल्कुल भी आशा नही थी, ये सरासर ग़लत चीज फैलाने की कोशिश है। किसी भी छात्रा के पास इतना शौक नही है जो 7 घंटे सड़क पर गुजरे वो भी बर्तन बजा कर। डायरेक्टर 5 घण्टे बाद अपने घर आये लड़कियों को 4 लाइन में जवाब दिया कि कमेटी ही सब देखेगी लडकिया इसपे ही विश्वास रखे और अपने AC वाले घर मे चले गए।

खाना एक मूलभूत चीज है पढ़ाई के लिए, जिसके लिए हम 12000 रुपए  हर सेमेस्टर भरते हैं। ऐसा क्या है उस टेंडर में जो निर्देशक 200 छात्राओं के बातों को अनसुना कर बस अपनी ही तानाशाही में अड़े हैं? लड़कियों का आरोप है कि इस टेंडर से डायरेक्टर का भी फायदा जुड़ा है जिसके कारण उन्हें सड़को पर बैठी 100 लड़कियां नहीं दिख रही।

IIT BHU के निर्देशक का यह तानाशाहपूर्ण व्यवहार से लड़कियों का प्रशासन से विश्वास उठ चुका है। जिस डायरेक्टर को हमारे लिए यहां होने का वेतन दिया जाता है उनको 100 लड़कियों की बाते सुनने में कोई दिलचस्पी नही है। डायरेक्टर का झूठे न्यूज़ फैलाना, लड़कियों को बदनाम करना व अपने तानाशाहीपूर्ण व्यवहार धरनारत लड़कियों के लिए बहुत ही आपत्ति का विषय है जिसके लिये उनका रोष प्रशासन के लिए बना है।

काफी लड़कियों के लगातार तबियत खराब होने व प्रशासन की अमानवीयता देखते हुए अंत मे लड़कियों ने CoW को बुलाने की मांग की व CoW द्वारा नए महाराज सिस्टम जो कि 100 लड़कियों के साथ 1 सितंबर से शुरू होगा के आश्वासन के साथ अपने धरने को समाप्त किया। छात्राओं ने छात्र एकता ज़िंदाबाद के नारे लगा कर को यह भी चेता दिया कि हम यहां सहने नही आये है और ऐसे संघर्ष करने का हौसला हम में है.


IIT BHU के न्यू गर्ल्स हॉस्टल की धरनारत छात्राओं द्वारा जारी

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