भारत की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी जेएनयू एक बार फिर से उबाल पर है। पिछले कई दिनों से हॉस्टल फीस में बेतहासा वृद्धि, कर्फ्यू टाइमिंग और ड्रेस मैन्युअल लागू किये जाने के कारण वहाँ के छात्र आन्दोलन कर रहे हैं। कल लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे छात्रों पर सत्ता द्वारा बर्बर दमन किया गया। लाठीचार्ज, वाटर कैनन द्वारा हमला करने के बाद कई छात्रों को हिरासत में ले लिया गया, जिसके विरोध में आज बीएचयू के सिंह द्वार, लंका पर एक प्रतिरोध मार्च एवं सभा का आयोजन किया गया।
इसमे शिक्षा के बाजारीकरण पर हमला बोलते हुए सभी छात्रों ने जेएनयू के छात्रों पर किये गए हमले का विरोध किया और जेएनयू के छात्रों के समर्थन में रविदास गेट तक मार्च निकाला।
शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ बोलते हुए वक्ताओं ने केंद्र सरकार की छात्र विरोधी नीतियों पर निशाना साधा तथा निरंतर हो रहे शुल्क वृद्धि को वापस लेने की मांग की। अपने वक्तव्य में छात्रों ने देश भर के विश्वविद्यालय में चल रहे छात्र आंदोलन को समर्थन दिया तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में भी सेल्फ फाइनांस कोर्स तथा पेड सीट के नाम पर ली जा रही अत्यधिक फीस को बाकी कोर्स के बराबर रखने की मांग रखी।
छात्रों का मानना है कि ये हमला सिर्फ जेएनयू तक ही सीमित न रहकर धीरे धीरे समूचे शिक्षण संस्थानों पर होगा, इसलिए इसका विरोध करना बहुत जरूरी है।
प्रतिरोध सभा में सैकड़ों छात्र उपस्थित थें, जो सबको शिक्षा, सस्ती शिक्षा जैसे नारे लगा रहें थे।
*जलते घर को देखने वालो,
फूंस का छप्पर आपका है।
आग के पीछे तेज हवा है,
आगे मुक्कदर आपका है।।*
#HECI_HEFA_DOWN_DOWN
#Bhu_stands_with_jnu
#The_people_united_will_never_be _defeated