अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी (एएमयू) में बुधवार को छात्रों पर पुलिस के बर्बर हमले के मामले में एएमयू छात्र संघ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाने का फैसला किया है। ताज़ा सूचना के मुताबिक छात्र संघ ने तय किया है कि वह अलीगढ़ की पुलिस और जिला प्रशासन के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दाखिल करेगा।
इससे पहले इस मामले में एएमयम अध्यापक संघ और एएमयू छात्र संघ ने पुलिस प्रशासन को अलग-अलग पत्र लिखे थे। छात्रसंघ द्वारा अलीगढ़ एसएसपी को लिखे पत्र में साफ़ कहा गया है कि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के ऊपर जो जानलेवा हमले की कोशिश कट्टर हिंदूवादी संगठनों द्वारा की गई, उनके तत्वों को अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम का संरक्षण हासिल है।
शिकायत में कहा गया है कि जब छात्र एफअआइआर करवाने के लिए जा रहे थे तो एसपी की अगुवाई में उनके ऊपर लाठीचार्ज किया गया जिसमें मौजूदा छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी, सचिव मोहम्मद फ़हद, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन, पूर्व उपाध्यक्ष हुसैन ज़ैदी सहित सैकड़ों छात्र घायल हुए हैं। मांग की गई है कि आरएसएस के गुंडों व उन्हें संरक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
#AMU प्रकरण में शांति है फोटो एवं वीडियो के आधार पर पुलिस कार्यवाही की जा रही है, सतर्कता के दृष्टिगत पर्याप्त पुलिस बल पुलिस अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारी मौके पर है, शांति व्यवस्था को लेकर कोई समस्या नहीं है |@Uppolice @adgzoneagra @igrangealigarh @dgpup @upcoprahul
— ALIGARH POLICE (@aligarhpolice) May 3, 2018
इस बीच बुधवार को शर्जील उस्मानी ने एक फेसबुक पोस्ट में इस बात का उद्घाटन किया कि एएमयू में हुई हिंसक घटना पर पीटीआइ और एएनआइ ने जो ख़बर चलाई, उसके आधार पर एनडीटीवी, हिंदुस्तान टाइम्स और क्विंट ने गलत ख़बर चला दी थी। क्विंट की ख़बर में कहा गया कि एबीवीपी के छात्र जिन्ना का पुतला फूंकने युनिवर्सिटी के गेट पर आए थे जिसके खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन किया जिसके चलते लाठीचार्ज हुआ। उस्मानी लिखते हैं कि वहां कोई पुतला नहीं था बल्कि हिंदूवादी तत्व हथियार लेकर वहां आए थे और उन्होंने उस इमारत के बाहर गोलियां दागीं जिसके भीतर हामिद अंसारी मौजूद थे।
Aligarh Muslim University(AMU) PRO says 'students were marching to police station demanding to know why were protesters of Hindu groups let off without an FIR against them & why weren't they stopped before reaching AMU. Police baton charged on them&used tear gas'. (02.05.2018) pic.twitter.com/TkLqrwd3F4
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 2, 2018
एनडीटीवी ने एएमयू के प्रोफेसर किदवई शफ़ी के हवाले से लिखा कि ‘जिन्ना एएमयू के संस्थापक थे’ जो कि गलत तथ्य है। उस्मानी ने मीडिया प्रतिष्ठानों से अपनी पोस्ट में अपील की है कि वे ख़बरें चलाने से पहले तथ्यों की जांच कर लें।
गौरतलब है कि दिन में दो बजे के आसपास हिंदूवादी संगठनों के कुछ लोग एएमयू में हथियार लेकर आए थे। उन्होंने हामिद अंसारी के ऊपर हमला करने की कोशिश की थी। जिस गेस्ट हाउस में अंसारी ठहरे हुए थे वे उसके काफी करीब पहुंच गए थे और उन्होंने नारेबाज़ी की और गोलियां दागीं। इस पर छात्रों ने छह गुंडों को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। जब और छात्रों को यह ख़बर लगी तो वे इस घ्धटना पर एफआइआर करवाने के लिए निकल पड़े। इसके बाद पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया जिसमें तमाम छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए।
https://twitter.com/mubasshir_alam/status/991690239163826176
इस घटना की तेज़ प्रतिक्रिया हुई है। शुक्रवार को दिल्ली में यूपी भवन के सामने लाठीचार्ज के विरोध में बड़ा प्रदर्शन आयोजित किए जाने की ख़बर है।