लॉयर्स कलेक्टिव: FCRA केस में इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर को बॉम्बे HC से राहत

सुप्रीम कोर्ट की सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर के खिलाफ़ विदेशी फंडिंग के नियमों के उल्लंघन के मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस रंजीत मोरे और भारती डांगरे की खंडपीठ ने अंतरिम राहत देते हुए 19 अगस्त तक दबाव डालने की कोई कार्रवाई करने से सीबीआई को रोक दिया है. अदालत में लॉयर्स कलेक्टिव की तरफ से अपील करते हुए वरिष्ठ वकील एस्पी चिनॉय ने कहा कि ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ कानून और मानव अधिकारों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम कर रहा है.

वहीं, सीबीआई का पक्ष रखने के लिए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह अदालत में प्रस्तुत हुए. याचिका का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि सीबीआइ द्वारा दर्ज़ केस में एनजीओ के रिटर्न में विसंगतियों के लिए आरोपी के रूप में ग्रोवर और अन्य का उल्लेख है.

सीबीआई ने गृह मंत्रालय की शिकायत पर बीते 13 जून को एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ और उसके अध्यक्ष आनंद ग्रोवर के खिलाफ विदेशी सहायता नियमन अधिनियम (FCRA) के उल्लंघन, आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी के तहत केस दर्ज किया था.

इंदिरा जयसिंह के पति आनंद ग्रोवर भी सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट और लॉयर्स कलेक्टिव के फाउंडर हैं.उन्हें सामाजिक मुद्दों पर उनकी वकालत के लिए जाना जाता है.
पिछले दिनों इंदिरा भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ कथित सेक्सुअल हैरेसमेंट मामले पर भी मुखर रही थीं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जिस तरह लिया था, इंदिरा ने उसे लेकर सवाल उठाए थे.

बता दें कि विदेशी सहायता नियमन अधिनियम कानून के उलंघन के तहत लॉयर्स कलेक्टिव के खिलाफ़ सीबीआइ द्वारा दर्ज़ केस को ख़ारिज करने की एक याचिका अदालत में विचाराधीन है. हाल ही में, एक अन्य गैर सरकारी संगठन द्वारा लायर्स वॉयस नाम से एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें आईपीसी, पीएमएलए और पीसी एक्ट के तहत अपराधों के लिए जयसिंह, ग्रोवर और वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी. लायर्स वॉयस की शिकायत पर ही सीबीआई ने लॉयर्स कलेक्टिव के खिलाफ़ मामला दर्ज़ किया था.

मामले पर अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी.

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