मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों को खत्म करने के खिलाफ वर्कर्स यूनियन का विरोध प्रदर्शन

30 जुलाई को ऐक्टू से सम्बद्ध बिल्डिंग वर्कर्स यूनियन ने पूर्वी दिल्ली स्थित झिलमिल श्रम कार्यालय पर मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों को खत्म करने के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि, जिन श्रम कानूनों को खत्म किया जा रहा है, उनमे मजदूरों के अथक संघर्ष से 1996 में निर्माण मज़दूरों के लिए बने दो महत्वपूर्ण कानून भी शामिल हैं।

 

प्रदर्शन में पूर्वी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से निर्माण कार्य करनेवाले साथियों ने हिस्सा लिया। यूनियन द्वारा चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान को भी मज़दूरों के बीच व्यापक समर्थन मिला। प्रदर्शन के बाद, सैकड़ों मज़दूरों के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन को दिल्ली निर्माण मज़दूर कल्याण बोर्ड के उप-सचिव के माध्यम से प्रधानमंत्री को दिया गया।

इससे पहले दक्षिणी दिल्ली के पुष्प भवन स्थित श्रम कार्यालय में भी बिल्डिंग वर्कर्स यूनियन (ऐक्टू) के राज्य सचिव शेर मोहम्मद व कामरेड राजबीर यादव के नेतृत्व में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया था।

आज के प्रदर्शन का नेतृत्व, ऐक्टू से कामरेड ओमप्रकाश शर्मा, दिल्ली राज्य परिषद सदस्य कामरेड वीरेंद्र, कामरेड राजबीर यादव, बिल्डिंग वर्कर्स यूनियन के सचिव कामरेड शेर मोहम्मद, कामरेड गुलाब, कामरेड अरविंद आदि साथियों ने किया।

अपनी बात रखते हुए कामरेड ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि, जिस तरह मोदी सरकार बेटी बचाओ कहकर बेटियों को मार रही है, उसी प्रकार मज़दूर-हित की बात कहकर, मज़दूरों को गुलामी की ओर धकेल रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार निर्माण मज़दूरों के कल्याण के लिए संग्रहित कई हज़ार करोड़ की राशि को हजम कर जाना चाहती है। कामरेड वीरेंद्र ने सबको बताया कि बिल्डिंग वर्कर्स यूनियन सभी निर्माण मज़दूरों को आने वाले खतरे से अवगत कराने के लिए हस्ताक्षर अभियान को दिल्ली के सभी इलाकों में ले जाएगी।

प्रदर्शन में मौजूद सभी साथियों ने आगामी 2 अगस्त को संसद मार्ग पर होने वाले संयुक्त ट्रेड यूनियनों के प्रदर्शन में भारी संख्या में भाग लेने की बात कही।


ऐक्टू दिल्ली द्वारा जारी 

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