कैसे रद्द करेगी सरकार तीनों कृषि कानून? जाने क्या है संसद में कानून वापसी की प्रक्रिया? 

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से चल रहे आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाले राकेश टिकैत ने मोदी सरकार के कानून वापस लेने के फैसले के बाद भी आंदोलन समाप्त करने से इंकार कर दिया। उनका कहना है कि जब तक मोदी सरकार पार्लियामेंट में कानून वापस लेने की पूरी कार्यवाही नहीं करती तब तक वह बॉर्डर से नहीं हटेंगे। आपको बताते हैं कि इस कानून को वापस लेने के लिए सरकार को क्या कदम उठाने पड़ेंगे और इस पर संविधान विशेषज्ञों का क्या कहना है।

कानून वापस लेने के लिए सरकार के पास कितनी शक्ति है?

सरकार द्वारा तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए पीएम ने ऐलान करते हुए कहा था कि कानून वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया को संसद के शीतकालीन सत्र में समाप्त किया जाएगा। अब यह संवैधानिक प्रक्रिया क्या है और सरकार कानून वापस लेने के लिए क्या करेगी? दरअसल, संविधान के एक्सपर्ट के मुताबिक़, कानून वापसी के लिए, संसद की शक्ति कानून बनाने के समान ही है। आसान भाषा में कहें तो जितनी शक्ति पार्लियामेंट के पास कानून बनाने के लिए हैं उतनी ही कानून वापस लेने के लिए भी है। कानून वापस भी वैसे ही लिया जाता है जैसे कानून बनाया जाता है। आपको समझते हैं कि कानून वापस लेने की पूरी प्रक्रिया क्या है…..

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