CAA के खिलाफ राजस्थान विधानसभा में प्रस्ताव पारित, CM गहलोत ने ट्वीट कर दी जानकारी

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में विरोध जारी है.केरल और पंजाब सरकार द्वारा नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पारित किये जाने के बाद अब राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने भी इस प्रस्ताव के लिए प्रस्ताव पारित किया है. खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है.

इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने लगातार चार ट्वीट किये हैं.

सदन में इस प्रस्ताव को रखे जाने के बाद बीजेपी विधायकों ने खूब हंगामा किया किन्तु अंत में बिल सदन से पास हो गया.

संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा की ओर से यह प्रस्ताव पेश किया गया. उन्होंने प्रस्ताव को पढ़ते हुए मांग की इसमें मुसलमानों को भी शामिल किया जाना चाहिए जिन्हें संशोधित कानून के तहत नागरिकता दी जा सकती है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा है कि वर्तमान नागरिकता संशोधन कानून संविधान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है और धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण है. हमारा संविधान किसी भी तरह के भेदभाव के खिलाफ है.

मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि,  यह कानून संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत के खिलाफ है तथा अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है. अनुच्छेद 14 सभी नागरिकों को समानता का अधिकार प्रदान करता है और साफ़ निर्देश देता है कि राज्य किसी भी आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकता.

राजस्थान विधानसभा  में सीएए, एनआरसी और एनपीआर तीनों के खिलाफ संकल्प पारित किया गया है.

लंबी बहस के बाद संकल्प पारित कर दिया गया. संकल्प पारित होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही 10 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया.


 

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