अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ CAIT का विरोध मार्च, 2 दिसंबर को फिर होगी रैली

कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट द्वारा देश के ई-कॉमर्स एवं रिटेल बाजार को विकृत किये जाने के खिलाफ चलाये जा रहे देशव्यापी अभियान के अंतर्गत आज कैट ने देश के 500 से अधिक जिलों एवं 300 से अधिक शहरों में “विरोध मार्च” निकाल कर सभी जिलों के कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देकर सरकार से मांग की गई की अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट को दूसरी ईस्ट इंडिया कंपनी बनने से रोका जाए!

आज के विरोध प्रदर्शन में देश भर में लगभग 10 लाख व्यापारियों ने भाग लिया। देश भर में हुए विरोध मार्च की इस श्रंखला का नेतृत्व दिल्ली में हुए एक विशाल विरोध मार्च से किया गया जिसका नेतृत्व कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने करते हुए देश के सभी राजनैतिक दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा की देश के 7 करोड़ व्यापारियों और उनसे जुड़े लगभग 40 करोड़ लोगों की रोज़ी रोटी के इस बड़े सवाल पर सभी राजनैतिक दल चुप्पी साधे हुए हैं!
आज तक एक भी बयान किसी भी दल का नहीं आया है जो व्यापारियों के लिए बेहद चिंता का विषय है। इस मुद्दे पर सभी राजनैतिक दलों की चुप्पी से देश के व्यापारी सभी दलों का बायकाट करने पर मजबूर हो जाएंगे।

देश भर में हुए इन विरोध मार्च में व्यापारियों ने बेहद रोष और आक्रोश के साथ अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट के खिलाफ नारे लगाए और अपने हाथों में विभिन्न प्लेकार्ड “अमेज़न -फ्लिपकार्ट गो बैक-गो बैक “, “अमेज़न फ्लिपकार्ट के पंजे से,
ई-कामर्स को मुक्त कराओ”,” विषाक्त ई कॉमर्स नहीं चलेगा,नहीं चलेगा”,” प्रीडेटरी प्राइसिंग-डीप डिस्कॉउंटिंग,बंद करो-बंद करो”,”अमेज़न फ्लिपकार्ट-ईस्ट इंडिया कंपनी का दूसरा रूप ” जैसे नारो के साथ अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट का जबरदस्त विरोध किया !

Press Release English 25-11-2019

 

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने देश के ई कॉमर्स व्यापार में अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट के अनैतिक व्यापार को एक आर्थिक महामारी बताते हुए कहा कि यदि न कंपनियों को अपनी मनमानी से नहीं रोका गया तो भविष्य में और विदेशी कंपनियां भारत में व्यापार करने आएंगी और इसी तरह से सरकार की नीति एवं कानून को धता बताते हुए देश के रिटेल व्यापार को अपनी मर्ज़ी से चलाएंगी और 45 लाख करोड़ रुपये के भारत के रिटेल बाजार पर एकाधिकार स्थापित करते हुए कब्ज़ा करेंगी। उन्होंने कहा की अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट ईस्ट इंडिया कंपनी का दूसरा संस्करण बनने की कोशिश कर रही हैं जिसे रोका जाना बेहद जरूरी है।

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की बेहद अफ़सोस की बात है कि इन दोनों कंपनियों द्वारा एफडीआई पॉलिसी का घोर उल्लंघन, लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना, भारी डिस्काउंट देना, बाजार में कीमतों को प्रभावित करना, समान प्रतिस्पर्धा के वातावरण को न बने रहने देना , विभिन्न उत्पादों का केवल इन्ही के पोर्टल पर बेचना, सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान पहुँचाना आदि अन्य अनैतिक व्यापारी प्रथाओं के खिलाफ कैट ने सभी स्तरों पर शिकायत करते हुए पर्याप्त सबूत भी दिए हैं। लेकिन आश्चर्य है कि इन कंपनियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे देश भर के 7 करोड़ व्यापारियों में बेहद रोष और आक्रोश है !

दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि कॉम्पिटिशन कमीशन में भी याचिका दायर किये दो सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया लेकिन अभी तक मामले की कोई सुनवाई नहीं हुई है! देश भर के व्यापारी यह समझ पाने में असमर्थ है कि क्यों इन कंपनियों के खिलाफ नरमी बरती जा रही है? क्या देश में इनके लिए अलग कानून है और व्यापारियों के लिए अलग कानून? यदि किसी व्यापारी से अनजाने में भी कोई गलती हो जाये तो सभी विभाग व्यापारी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई में जुट जाते हैं लेकिन इन कंपनियों को लगातार बख्शा जा रहा है। रिजर्व बैंक, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग, जीएसटी विभाग आदि सब मौन साधे हुए हैं।

कैट ने सरकार से आग्रह किया है कि इस मामले पर तुरंत कार्रवाई की जाये और देश के रिटेल बाज़ार और ई कॉमर्स को इन दोनों कंपनियों का बंधक बनने से रोका जाये।

इस देशव्यापी अभियान के तहत आगामी 2 दिसंबर को देश की सभी राज्यों की राजधानियों में व्यापारी रैली होगा और सभी मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन दिया जायेगा।


विज्ञप्ति : CAIT द्वारा जारी

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