महाभारत का उदाहरण देते हुए CJI रमना ने कहा- मध्यस्थता से काम लें, सालों तक कोर्ट में समय बर्बाद न करें!

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने शनिवार को हैदराबाद में कहा कि आखिरी वक्त पर कोर्ट का सहारा लेना चाहिए। भारत के मुख्य न्यायाधीश यहां के मध्यस्थता केंद्र (Arbitration Center) के उद्घाटन समारोह को संबोधित करने पहुंचे थे। उन्होंने इस दौरान कहा कि वर्षों तक अदालतों में समय बर्बाद करने से बचना चाहिए

महाभारत में भी मध्यस्थता का उल्लेख किया गया…

अपने संबोधन में CJI ने कहा, अदालत में जाने से पहले मध्यस्थता के माध्यम से विवादों को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए। मध्यस्थता से कम समय में समाधान निकाला जा सकता है। वर्षों तक अदालतों में समय बर्बाद करने से बचना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने आगे महाभारत में मध्यस्थता की भूमिका का ज़िक्र करते हुए कहा, ‘महाभारत में भी मध्यस्थता का उल्लेख किया गया था। हम मध्यस्थता के माध्यम से विवादों को सुलझा सकते हैं। महाभारत में भगवान कृष्ण ने पांडवों और कौरवों के बीच मध्यस्थता करने की कोशिश की थी। जहां तक ​​हो सके महिलाओं को विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने के लिए हैदराबाद सही जगह है।

विभिन्न न्यायालयों में लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे पर भी बल..

CJI ने इस दौरान कहा कि केंद्र के कुशल कामकाज को सुनिश्चित करने और नियमों का मसौदा (draft) तैयार करने के लिए दुनिया भर से सर्वोत्तम प्रथाओं (best practices) को ध्यान में रखा जा रहा है। साथ ही, उन्होंने हैदराबाद आर्बिट्रेशन सेंटर की तुलना सिंगापुर इंटरनेशनल सेंटर और लंदन इंटरनेशनल सेंटर जैसे मध्यस्थता संस्थानों से की। मुख्य न्यायाधीश ने संपत्ति के बंटवारे को लेकर कहा कि संपत्ति का बंटवारा परिवार के सदस्यों द्वारा सौहार्दपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए। उन्होंने विभिन्न न्यायालयों में लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे की आवश्यकता पर भी बल दिया।

First Published on:
Exit mobile version