6 अगस्त को ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर, अपने ट्विटर हैंडल @zoo_bear से, जगदीश सिंह(@JSINGH2252) नाम के एक व्यक्ति के आक्रामक और अश्लील भाषा वाले ट्वीट का जवाब देते हैं। जवाब देते वक़्त वो जगदीश सिंह की DP यानी कि डिस्प्ले पिक्चर को blur और धुँधला कर पोस्ट करते हुए कहते हैं “हेलो जगदीश सिंह, आपकी प्यारी सी पोती को पता है क्या कि आप ख़ाली वक़्त में दूसरों से सोशल मीडिया पर गाली गलौच करते हैं? मेरा सुझाव है की आप यह DP बदल लें।“इस पोस्ट पर दो और हैंडल अपनी टिप्पणी करते हैं- @de_real_mask और @syedsarwar20।
प्रतीक ने कहा कि “ज़ुबैर से उनका पक्ष लिया ही नहीं गया इस पूरे प्रकरण में”। इस बातचीत के दौरान प्रतीक ने फ़ेक न्यूज़ से लेकर एक सुनिश्चित तरीक़े से सरकार के ख़िलाफ़ उठ रही आवाज़ों को ख़ामोश करने के प्रयासों पर भी बात करी। उन्होंने कहा कि “फ़ेक न्यूज़, बदलते हुए राजनैतिक और सामाजिक परिवेश का सिर्फ़ एक लक्षण है”।
साल 2018 में, बीबीसी(BBC) ने एक रिपोर्ट “दायित्व, पहचान और विश्वसनीयता: ‘फ़ेक न्यूज़’ और भारत का एक आम नागरिक” ( Duty, Identity, Credibility” ‘Fake News’ and the ordinary citizen in India)पब्लिश करी थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक़ जनवरी 2015 से सितम्बर 2018 के बीच ,भारत के ऑनलाइन प्लाट्फ़ोर्मस पर लगभग 47,543 आर्टिकलस “फ़ेक न्यूज़” के बारें में लिखे और छापे गए थे। इसी रिपोर्ट के मुताबिक़ एक सर्वे के अनुसार एशिया-पैसेफ़िक के 6 देशों के की 79% जनता “फ़ेक न्यूज़” के प्रचार प्रसार को लेकर बहुत चिंतित थी। पर एक बात पर हमें ध्यान देना चाहिए इस तरह के सर्वे में परम्परागत तरीक़े से केवल उच्च जाति उच्च वर्ग के शहरी लोगों की राय ली जाति है तोमुमकिन है कि भारत में कुछ लोगों के फ़ेक न्यूज़ की घातकता का कोई अंदाज़ा ही ना हो। आज के दौर में न्यूज़ आपको क्या बताती है या किस बारें में सूचित करती है से ज़्यादा ज़रूरी हो गया है कि आपको न्यूज़ कैसा महसूस कराती है।ऐसे दौर में कुछ संस्थान और व्यक्ति हैं जो लगातार प्रयास कर रहे हैं कि जो न्यूज़ आप तक पहुँच रही है अगर उसमें किसी तरह की ग़लत, झूठी , त्रुटिपूर्ण, अधूरी सूचना है तो उसको लेकर आपको आगाह कर सकें। उनमें से एक संस्थान है ऑल्ट न्यूज़ और उनमें से कुछ लोग हैं ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मुहम्मद ज़ुबैर। इसलिए ज़रूरी है उनका भी पक्ष सुना जाए।