एकनाथ शिंदे के पीछे कौन सी पार्टी है, उन्होंने ख़ुद बताया – देखिए वीडियो!

क्या महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों की बगावत और राजनैतिक संकट के पीछे कोई और है? क्या वाकई ये विद्रोह, एकनाथ शिंदे ने अकेले दम पर कर दिखाया है? इसका जवाब एक वीडियो में सामने आया है। ये एक वीडियो है, जो आपको लगभग हर टीवी चैनल पर दिख रहा है, लेकिन इसका ऑडियो कहीं भी आपको सुनाया नहीं जा रहा है। और इस ऑडियो में ही इन सारे सवालों का जवाब है।

क्या है इस वीडियो में?

ये वीडियो, गुवाहाटी से समाचार चैनल्स के पास गुरूवार को पहुंचा और इसमें एकनाथ शिंदे, बाग़ी विधायकों से बात करते दिख रहे हैं। इस वीडियो को लगातार, तमाम समाचार चैनल सिर्फ विधायकों की तस्वीर और उनकी गुवाहाटी में मौजूदगी दिखाने के लिए चला रहे हैं। लेकिन शायद उनका ध्यान इसके ऑडियो पर नहीं गया या फिर उन्होंने जानबूझ कर इस वीडियो में एकनाथ शिंदे की आवाज़ पर ध्यान नहीं दिया। हम बताते हैं कि इस वीडियो में एकनाथ शिंदे क्या कह रहे हैं..

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इस वीडियो में गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे, गुवाहाटी में बागी शिवसेना और अन्य विधायकों के साथ बैठे हैं। वे उनको समझा रहे हैं कि उनको एक रहना है और इस फ़ैसले से पलटना नहीं है। वे कहते हैं,

“हम अपने फ़ैसले से पलटना नहीं है..वो (पता नहीं) राष्ट्रीय पार्टी है..महाशक्ति है। “

यहां पर वो किस पार्टी की बात कर रहे हैं, वो ये साफ नहीं करते लेकिन ये कह देते हैं कि वो पार्टी न होती तो पाकिस्तान सा कुछ हो जाता। वो राष्ट्रीय पार्टी कह कर संबोधित करते हैं और साथ ही महाशक्ति भी कहते हैं। ये समझना कोई रॉकेट विज्ञान नहीं है कि वह पार्टी कौन सी हो सकती है, लेकिन हम आपकी स्वतंत्रता, सुविधा और विकल्प के लिए कोई नाम नहीं ले रहे हैं।

आगे वो ये कहते हैं कि बाग़ी विधायकों को अगर किसी भी तरह की कमी हो, कुछ भी चाहिए हो तो वह पार्टी पूरी ताक़त से उनके पीछे खड़ी है।

“उनका कहना है कि आप लोगों ने जो भी (बग़ावत का) फ़ैसला लिया है, वो ऐतेहासिक है। आपको अगर कुछ भी कमी लगे, जो भी आवश्यकता हो, वे पूरी तरह से साथ हैं। वो सबकुछ करेंगे..”

दिलचस्प ये है कि ये वीडियो गुरूवार पूरे दिन, मुख्यधारा की मीडिया के पास था लेकिन लगातार गोदी मीडिया पर वही नैरेटिव चला, जो कि एकनाथ शिंदे का था। किसी ने भी इस वीडियो के इस हिस्से को चलाने की ज़रूरत नहीं समझी।

शिंदे, शिवसेना, मीडिया और वो पार्टी…

एकनाथ शिंदे लगातार ये कह रहे हैं कि वो एनसीपी-कांग्रेस से गठबंधन के हमेशा खिलाफ़ थे। वो ये भी कह रहे हैं कि भाजपा से ही गठबंधन करना चाहिए था। लेकिन वो ये नहीं मान रहे हैं कि इस बग़ावत में भाजपा का कोई रोल है। वो कह रहे हैं कि ये उसूल और हिंदुत्व की बात है और नीतीश कुमार की तरह, ये उनकी अंतरात्मा की आवाज़ है।
भाजपा लगातार इनकार कर रही है कि उसका इस बगावत में कोई रोल है। वो चुप्पी साधे है और वो खेल देखने का नाटक कर रही है। उसके नेता इस मामले में कुछ नहीं करेंगे, बस शिवसेना के बागियों की अंतरात्मा की आवाज़ का सम्मान करेंगे।
मीडिया भी इसे शिवसेना की बगावत कह रही है। उसका नैरेटिव वही है, जो एकनाथ शिंदे का है। वो नैरेटिव किसका है, जो दोनों का एक सा है? वो कौन सी पत्रकारिता है, जो एकनाथ शिंदे की बात पर यक़ीन कर के बैठ गई है कि उनकी कोई अंतरात्मा है, जिसकी कोई आवाज़ है? वो नैरेटिव किसका है, जो ये दोनों दोहरा रहे हैं?
एकनाथ शिंदे से एक ग़लती हो गई। विधायकों को बहलाते समय, वो ये भूल गए कि कोई वीडियो रेकॉर्ड कर रहा है। मराठी में उन्होंने जो बोला, उसका हिंदी अनुवाद इस वीडियो में है। वो अनुवाद, इस बात का जवाब है कि कौन है वो, जो इस खेल के पीछे है…

मुंबई से मयंक सक्सेना की रिपोर्ट

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