बिजनौर में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि यहां पर कई लोगों की जानें गई हैं। सबके सब गरीब-मजदूर घर के लोग थे। अब इनके परिवार में कमाने वाले नहीं बचे हैं। छोटे-छोटे बच्चे हैं जिनका ख्याल रखने वाला कोई नहीं है। उन्होंने जांच की मांग करते हुए कहा कि इनकी मौतें कैसे हुईं? कई लोगों की मौतें हुईं हैं, कई लोग अस्पताल में हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से उनके घर कोई आया तक नहीं। किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। आज समय इनकी बात सुनने का है। इनको गले लगाकर इस दुख की घड़ी में इनका साथ देने का है।
महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमन्त्री को अर्थव्यवस्था सुधारने, लोगों को रोजगार देने में ध्यान लगाना चाहिए। वो फेल हो चुके हैं तो फूट डालकर बच नहीं सकते। उनको देश के लोगों की बात सुननी चाहिए और असल समस्याओं के हल जनता को देने चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं आज उन परिवारों से मिली जिनके वहां से किसी की जान चली गई। आज इन परिवारों पर दुख का अंबार टूट पड़ा है। उनकी मदद करने के लिए प्रशासन से कोई नहीं आया है।
मैं दुखी परिवारों के साथ खड़ी हूं। हर उस परिवार के साथ खड़ी हूं जिसके साथ अन्याय हुआ है।