13 जनवरी 2020 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन का अंतिम उपवास देश में राष्ट्रीय एकता स्थापित करने के लिए दिया था. महात्मा गांधी के इस उपवास में आज प्रोफेसर रुपरेखा वर्मा, प्रोफेसर रमेश दीक्षित के नेत्रित्व में अमीक जामेई ने हज़रत गंज स्थित महात्मा गाँधी की परतिमा के निचे गाँधी जी के भजन“ रघुपति राघव राजा राम …” और वैष्णव जनतो” गा रहे थे तभी उत्तर प्रदेश की पुलिस ने प्रोफेसर रुपरेखा वर्मा, प्रोफेसर रमेश दीक्षित और महिला कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता और गाली गलोज किया तथा अमीक जामेई के साथ बल प्रयोग कर थप्पड़ मारा का डिटेन किया!
13 जनवरी गॉधी का आखिरी उपवास:हमने जैसे ही लखनऊ गॉधी प्रतिमा पर “वैष्णव जनतो” और रघुपति राघव राजा राम” पढ उपवास शुरू किया, पुलिस मॉब ने घेर लिया मुझे यूपी पुलिस ने थप्पड़ मारे, घसीटा और डिटेंड किया,बोले गॉधी का उपवास नही गुंडई कर रहे हो, प्रो रूप रेखा प्रो दिक्षित के साथ बदसलूकी pic.twitter.com/ASQYWCECbK
— Ameeque Jamei अमीक़ जामेई (@ameeque_Jamei) January 13, 2020
इसके बाद मची अफरातफरी में प्रोफेसर दीक्षित ने कहा कि प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा 18-19 जनवरी 2020 को जिस तरह से हिंसा को बढ़ावा दिया गया, 19 दिसम्बा शांतिपूर्ण आन्दोलन को हिंसक बनाने के लिए उत्तर प्रदेश में सरकार जिम्मेदार है. उस अशांति और हिंसा के खिलाफ आज के ऐतिहासिक दिन को भी गाँधी के प्रतिमा पर शांति पूर्ण राष्ट्रीय सद्भाव और शांति के लिए गाँधी के भजन से भी सन्देश देना भी सरकार को नागवार गुज़रा जबकि भारत के प्रधान मंत्री गाँधी जी और उनके चश्मे का उपयोग कूड़ेदान से लेकर विदेश तक गाँधी जी का नाम लेते है. आखिर ऐसा क्या है की प्रधानमंत्री के महात्मा गाँधी और जनता के महात्मा गाँधी में प्रदेश सरकार भेद कर रही है है. जबकि जनता का हक़ है कि वो अपनी बात शांति पूर्ण तरीके से रख सके.
*13 जनवरी गॉधी का आखिरी उपवास*हमने जैसे ही लखनऊ गॉधी प्रतिमा पर “वैष्णव जनतो” और रघुपति राघव राजा राम” पढ उपवास शुरू किया, पुलिस मॉब ने घेर लिया मुझे यूपी पुलिस ने थप्पड़ मारे, घसीटा और डिटेंड किया,बोले गॉधी का उपवास नही गुंडई कर रहे हो, प्रो रूप रेखा प्रो दिक्षित के साथ बदसलूकी pic.twitter.com/jN7TPnrvbh
— Ameeque Jamei अमीक़ जामेई (@ameeque_Jamei) January 13, 2020
प्रोफेसर रुपरेखा वर्मा ने कहा कि शांति पूर्ण भजन में हिस्सा ले रही महिलाओं के प्रति प्रदेश (लखनऊ) की पुलिस का रवैया संदेह के घेरे में है. पुलिस विभाग मुख्यमंत्री के अंतर्गत है क्या मुख्यमंत्री महिलाओं को अपमानित करने का निर्देश दे रहे है? महिलाओं के साथ अभद्रता की इजाज़त कानून भी नहीं देता. प्रदेश सरकार किसी भी नागरिक आवाज़ का दमन करना चाहती है. जबकि हम हमेशा शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से अपनी बात रखते रहेंगे. पुलिस दमन और सरकार के डर से ये आवाज़ नहीं दबेगी.
जामेई ने कहा की सरकार कह रही है की धारा 144 लगी है लेकिन पुरे प्रदेश में CAA NRC के समर्थन में RSS BJP की रैलिया हो रही है लखनऊ में भाजपा ने पदयात्राए निकाली, क्या भाजपा के खिलाफ धारा 144 नहीं लगती? अगर ऐसा है तो हम जल्द पुरे प्रदेश में CAA-NRC के खिलाफ प्रशासन इजाज़त नहीं देता तो अदालत का दरवाज़ा खटखटाएंगे, जामेई ने कहा की पुरे प्रदेश में नागरिको को सरकार की बर्बरता से डरने की ज़रूरत नहीं है नागरिक गाँधी जी रास्ते संघर्ष का रास्ता अपनाये और लोकतान्त्रिक अधिकारों के संरक्षण के लिए आवाज़ उठाए!