नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए)-2019 और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरएसी) के खिलाफ वाराणसी के बेनिया बाग में गत 23 जनवरी को हुए आंदोलन में स्थानीय अदालत ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मिलने वाले दो सामाजिक कार्यकर्ताओं और भाकपा (माले) के पूर्व जिला सचिव समेत 14 लोगों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। वहीं, इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने इनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी भी शुरू कर दी है।
बता दें कि इस मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता अनूप श्रमिक जिला प्रशासन की अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सतर्कता मॉनिटरिंग कमिटी के सदस्य हैं। वहीं सामाजिक कार्यकत्री जागृति राही जिला प्रशासन की महिला एवं बाल अधिकार अनुश्रवण समिति और किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य हैं। जागृति राही प्रशासन की मंडल स्तरीय महिला एवं बाल अधिकार अनुश्रवण समिति की सदस्य भी हैं। ये दोनों सामाजिक कार्यकर्ता गत 10 जनवरी को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के वाराणसी दौरे के दौरान रामघाट पर उनसे मुलाकात करने वाले लोगों में शामिल थे। अनूप श्रमिक गत 19 दिसंबर को बेनिया बाग में सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शन में मामले में जेल भी गए थे। उनका कहना है कि गत 23 जनवरी को बेनिया बाग में हुए प्रदर्शन से उनका कोई संबंध नहीं है। वे उस दिन अदालत की कार्यवाही में व्यस्त थे।
वाराणसी: बेनिया बाग में CAA के खिलाफ प्रदर्शन पर 32 लोगों पर केस दर्ज, 6 गिरफ्तार
आरोपियों में भाकपा (माले) के पूर्व जिला सचिव मनीष शर्मा का नाम भी शामिल है। पुलिस ने गत एक फरवरी को उनकी गिरफ्तारी के लिए भाकपा (माले) के जिला कार्यालय पर दबिश दी थी लेकिन उसे सफलता नहीं मिल सकी। मनीष शर्मा गत 19 दिसंबर को बेनिया बाग में हुए विरोध-प्रदर्शन के मुख्य आरोपी हैं और पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बाद में अन्य आरोपियों के साथ जेल से रिहा हुए थे।
गौरतलब है कि चौक थाना पुलिस ने गत 23 जनवरी को बेनियाबाग में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के मामले में 32 लोगों के खिलाफ नामजद और पांच-सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। पुलिस ने मौके से छह लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था।