लखनऊ 26 फरवरी, 2020: पूरे देश में जारी तानाशाही और उत्तर प्रदेश को पुलिस राज में तब्दील करने के खिलाफ लोकतंत्र की रक्षा और कानून के राज के लिए अधिवक्ता खडे़ होंगे। 29 फरवरी को लखनऊ के गंगा प्रसाद मेमोरियल हाल में आयोजित लोकतंत्र बचाओ सम्मेलन में अधिवक्ता बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे।
इस आशय का निर्णय आज माल एवेन्यू में हुई लोकतंत्र बचाओ अभियान की लीगल सेल की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता हाईकोर्ट के अधिवक्ता नितिन मिश्रा और संचालन अधिवक्ता कमलेश कुमार सिंह ने किया।
बैठक में लिए प्रस्ताव में जारी तानाशाही पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि देश व प्रदेश में कहीं भी कानून का राज नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के तमाम न्यायाधीशों द्वारा स्वस्थ लोकतंत्र के लिए असहमति को सम्मान देने की सलाह के बावजूद वैचारिक असहमति से बलपूर्वक निपटा जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अवैधानिक रूप से प्रदेश में लगातार धारा 144 लगाकर संविधान प्रदत्त नागरिक अधिकारों को छीन लिया गया है। फर्जी एनकाउंटर, थानों में हत्याएं और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर थर्ड डिग्री टार्चर आम बात हो गयी है। फर्जी मुकदमे कायम कर गिरफ्तारियां की जा रही हैं। देशद्रोह, रासुका, गैंगस्टर व गुण्डा एक्ट जैसे काले कानूनों का दुरुपयोग हो रहा है। हद यह है कि बिना अधिकार के शांति भंग जैसी पाबंद करने वाली सामान्य धाराओं में जेल भेजा जा रहा है और लाखों रूपए की जमानतं प्रशासन मांग रहा है।
दरअसल यह लड़ाई फासीवादी निजाम और लोकतंत्र के बीच है। मौजूद हूकूमत लोकतंत्र को खत्म कर तानाशाही कायम करना चाहती है। प्रस्ताव में कहा गया कि आजादी के आंदोलन से लेकर अब तक अधिवक्ता समाज ने जन के पक्ष में बड़ी भूमिका निभाई है। इसलिए मौजूदा वक्त में भी लोकतंत्र व नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए अधिवक्ता समाज खड़ा होगा। प्रदेश में लोकतांत्रिक संस्कृति के निर्माण और नागरिक अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए 29 फरवरी को लखनऊ में आयोजित सम्मेलन में बड़ी संख्या में शिरकत करेगा।
बैठक में हाईकोर्ट के अधिवक्ता अजहर फैज खान, प्रेमनाथ सिंह, आदित्य सिंह, विपन, मोहम्मद मारूफ, मोहम्मद शकील, आनंद कुमार, विजय कुमार त्रिपाठी, शहबाज अख्तर आदि लोगों की अपने विचार रखे।
कमलेश कुमार सिंह
एडवोकेट, हाईकोर्ट
सचिव, लोकतंत्र बचाओ अभियान