योगी सरकार दलित-पिछड़ों की हकमारी में लगी, 26 नवंबर को राज्यव्यापी विरोध: कांग्रेस

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश में बढ़ते दलित-पिछड़े उत्पीड़न पर आर-पार की लड़ाई का ऐलान करते हुए योगी सरकार पर राजनैतिक द्वेषवश अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद एवं प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डाॅ0 अनूप पटेल को फर्जी मुकदमें में फंसाकर जेल भेजने का आरोप लगाया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस का अनुसूचित जाति विभाग प्रदेश में बढ़ते दलित-पिछड़ों के उत्पीड़न, हत्याएं, बलात्कार के खिलाफ 26 नवम्बर संविधान दिवस पर पूरे प्रदेश में धरना-प्रदर्शन का आयोजन करेगा और हस्ताक्षर अभियान चलायेगा। इसके साथ 04 दिसम्बर 2020 को राजधानी लखनऊ में विशाल दलित  महापंचायत का आयोजन कर योगी सरकार के दलित-पिछड़ा विरोधी कार्यों के खिलाफ आर-पार के संघर्ष का बिगुल फूंकेगा।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद और कांग्रेस प्रवक्ता डाॅ0 अनूप पटेल को फर्जी मुकदमें में जेल में डालने की घटना बहुत ही गंभीर मामला है। योगी सरकार असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक तरीके से कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमें दर्ज कर जेल भेज रही है और उत्पीड़न की कार्यवाही कर रही है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार लगातार दलितों और पिछड़ों पर अन्याय, अत्याचार, शोषण और दमन करने पर उतारू है और उनके मौलिक अधिकारों की अनिवार्यता को खत्म करने पर अमादा है।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि आलोक प्रसाद का जीवन और पारिवारिक पृष्ठिभूमि गौरवशाली रही है। उनके पिता स्व0 सुखदेव प्रसाद उ0प्र0 सरकार के मंत्री, चार बार सांसद, केन्द्रीय मंत्री, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, महाराष्ट्र के राज्यपाल और साथ ही साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष अनु0जाति विभाग रहे हैं। आलोक प्रसाद महराजगंज जनपद के दो बार जिलाध्यक्ष रहे। योगी जी बतायें कि जिस केस में न वादी हो, न साक्ष्य हो तो आप किस आधार पर आलोक प्रसाद को जेल की सलाखों में बंद किये हैं। उन्होंने कहा कि क्यों आलोक प्रसाद को उनके घर से गिरफ्तार किया गया जबकि जिसने आत्मदाह किया उसने कोई मुकदमा नहीं लिखाया। जिसने आत्मदाह किया उसका मजिस्ट्रेटी बयान क्यों लिया गया? सच्चाई तो यह है कि गोरक्षनाथ पीठ की महाराजगंज में स्थित सैंकड़ों बीघे अवैध जमीनों को समय-समय पर दलितों को दिलाने के लिए आलोक प्रसाद आन्दोलनरत थे जिसके कारण योगी जी ने राजनैतिक द्वेष के चलते फर्जी मुकदमा दर्ज करवाकर जेल भेज दिया। उन्होने कहा कि दलित, पिछड़ों के उत्पीड़न के खिलाफ कांग्रेस वृहद आन्दोलन चलायेगी।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री आर0के0 चैधरी ने कहा कि केन्द्र में मोदी और प्रदेश की योगी सरकार में दलित, पिछड़ों के उत्पीड़न की बाढ़ सी आ गई है। उ0प्र0 दलित उत्पीड़न, मारपीट, हिंसा, बलात्कार के मामले में अव्वल है। योगी सरकार के कार्यकाल में संविधान की मूल आत्मा को कुचला जा रहा है। दलितों को उनके मूल अधिकारों से वंचित कर उन्हें मिटाने पर तुली है। भाजपा दलितों, पिछड़ों के अधिकारों को छीनने में लगी है जो दलित पिछड़ों की आवाज को उठाते हैं उन पर फर्जी मुकदमें लगाकर जेल भेजने का काम कर ही है इसी के तहत फर्जी मुकदमें लगाकर आलोक प्रसाद और डा0 अनूप पटेल को जेल भेजा गया है।

अ0भा0 कांग्रेस अनु0जाति विभाग के उ0प्र0 के प्रभारी प्रदीप नरवाल ने कहा कि आगामी 26 नवम्बर को संविधान दिवस के दिन अनु0जाति विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद और प्रवक्ता डा0 अनूप पटेल की अलोकतांत्रिक एवं असंवैधानिक गिरफ्तारी के विरोध में एवं रिहाई की मांग को लेकर प्रदेश के प्रत्येक जिले में जिलाधिकारियों को संविधान की प्रति और आलोक प्रसाद एवं डाॅ0 अनूप पटेल की एक फोटो भेंट की जायेगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही दलित पिछड़े वर्ग के लोगों से यह भी अपील करेंगे कि ऐसे कुचक्र करने वाले और साजिश करने वाली सरकार से सावधान रहें जो गरीबों, मजलूमों के साथ सेवाभाव रखने पर जबरन द्वेषवश गिरफ्तार कर जेल में डालने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि यूपी में दलित बहन बेटियों पर अत्यधिक अत्याचार हुए हैं। हाथरस, बुलन्दशहर, गोण्डा, आजमगढ़, लखीमपुर, गोरखपुर, शाहजहांपुर, बस्ती, मेरठ आदि कई जिलों में रेप और हत्या के मामले हुए। दलित प्रधान की हत्या की गई। मेरठ में दलित बेटी की शादी से पहले ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि 30 नवम्बर को सोशल मीडिया के माध्यम से आलोक प्रसाद की रिहाई को लेकर जिले स्तर पर वीडियो संदेश प्रसारित किया जायेगा। और आगामी 04 दिसम्बर को प्रदेश स्तरीय बड़ा आन्दोलन किया जायेगा जिसमें पूरी दलित कांग्रेस सड़कों पर उतरकर दलित पंचायत करेगी। इस मौके पर अनु0जाति विभाग के लखनऊ जिलाध्यक्ष विषम सिंह भी मौजूद रहे।


 

First Published on:
Exit mobile version