कृषि कानून: छत्तीसगढ़ में 23 जनवरी को राज्यपाल को ज्ञापन, 26 को ‘किसान गणतंत्र परेड’!

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर ‘छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन’ से जुड़े घटक संगठन 23 जनवरी को ब्लॉक और जिला स्तर पर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपेंगे और 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली किसान गणतंत्र परेड में शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने दूसरे संगठनों के साथ मिलकर यहां प्रदेश में भी 26 जनवरी को ब्लॉक स्तर पर किसान गणतंत्र परेड आयोजित करने की घोषणा की है।

यह निर्णय ‘छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन’ की एक बैठक में लिया गया। बैठक में किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम, आलोक शुक्ला, नंद कश्यप, आनंद मिश्रा, संजय पराते, रमाकांत बंजारे, दीपक साहू, घनश्याम वर्मा सहित विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

बैठक के बाद जारी एक बयान में ‘छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन’ के नेताओं ने कहा है कि हमारे देश के किसान न केवल अपने जीवन-अस्तित्व और खेती-किसानी को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, बल्कि वे देश की खाद्यान्न सुरक्षा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा संप्रभुता की रक्षा के लिए भी लड़ रहे हैं। उनका संघर्ष उस समूची अर्थव्यवस्था के कॉरपोरेटीकरण के खिलाफ भी हैं, जो नागरिकों के अधिकारों और उनकी आजीविका को तबाह कर देगा। इसीलिए देश का किसान आंदोलन इन काले कानूनों की वापसी के लिए खंदक की लड़ाई लड़ रहा है और अपनी अटूट एकता के बल पर इस आंदोलन को तोड़ने की सरकार की सजिशों को मात दे रहा है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को यह समझना होगा कि देश की संप्रभुता किसी सरकार या सुप्रीम कोर्ट में नहीं, बल्कि आम जनता में निहित है, जिसे संविधान में ‘हम भारत के लोग’ के जरिये अभिव्यक्त किया गया है। अब यह स्पष्ट है कि इस देश का जन मानस इन काले कानूनों के खिलाफ है और किसी अहंकार का प्रदर्शन किए बिना सरकार को इसका सम्मान करना चाहिए।

किसान आंदोलन के नेताओं ने बताया कि 23 जनवरी को जगह-जगह अधिकारियों को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे। इस ज्ञापन में इन किसान विरोधी काले कानूनों को वापस लेने के साथ ही सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने का कानून बनाने, इस मूल्य पर सभी फसलों का खरीदना सुनिश्चित करने व इसका उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति को जेल भेजने की मांग की जाएगी। इसी दिन सैकड़ों किसान और ग्रामीण जन दिल्ली कूच करेंगे और 26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड का हिस्सा बनकर दिल्ली में प्रवेश करेंगे। उन्होंने बताया कि 30 जनवरी महात्मा गांधी की शहादत दिवस से पूरे प्रदेश में इन कानूनों के खिलाफ जनजागरण अभियान भी शुरू किया जाएगा।

 

First Published on:
Exit mobile version