कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के बयान को एडिट करके उदयपुर हत्याकांड से जोड़ने के आरोप में ज़ी न्यूज़ के ऐंकर रोहित रंजन को आज गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें गिरफ्तार करने छत्तीसगढ़ की पुलिस पहुँची थी। उसके पास वारंट भी था। लेकिन ये गिरफ्तारी यूपी की नोएडा पुलिस ने की। दोनों राज्यों की पुलिस के बीच इसे लेकर नोंक-झोंक भी हुई। नोएडा के सेक्टर 20 थाने में भी एफआईआर दर्ज थी।
गाजियाबाद में सुबह-सुबह जी न्यूज एंकर रोहित रंजन के घर छत्तीसगढ़ पुलिस पहुंचने पर रोहित रंजन ने ट्वीट करते हुए कहा कि “लोकल पुलिस को जानकारी दिए बिना छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस मुझे अरेस्ट करने आई है।” इस ट्वीट के जवाब में रायपुर पुलिस ने कहा कि “सूचित करने का ऐसा कोई नियम नहीं है। पुलिस ने यह भी लिखा कि ‘आपको सहयोग करना चाहिए, जांच में शामिल होना चाहिए और अपने बचाव पक्ष की बात अदालत में रखनी चाहिए।’
दरअसल, राहुल गाँधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड के दफ्तेर में एसएफआई कार्यकर्ताओं द्वारा की गयी तोड़फोड़ को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए आरोपियों को माफ करने का बयान दिया था। ज़ी न्यूज़ ने इसे एडिट करके बयान को उदयपुर की घटना के संबंध में जोड़ दिया। ऐसा लगने लगा कि राहुल गाँधी कन्हैयालाल के हत्यारों को माफ़ करने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस ने पूरे देश में इस ख़बर का प्रतिवाद किया और कई राज्यों में एफआईआर दर्ज कराई गयी थी।
बहरहाल, जिस तरीके से छत्तीसगढ़ पुलिस की गिरफ्त से रोहित रंजन को बचाने के लिए नोएडा पुलिस सक्रिय हुई, उसने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। आख़िर ऐसा क्या है कि नोएडा पुलिस रोहित रंजन को छत्तीसगढ़ जाने से रोकना चाहती है?