कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के खिलाफ यूपी की लखीमपुर जिला कांग्रेस कमेटी ने मोर्चा खोल दिया है। जिला कमेटी ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें जितिन प्रसाद पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए पार्टी से निकालने की मांग की गई है। जितिन प्रसाद के मामले पर बुलाई गई जिला कमेटी की बैठक में जितिन प्रसाद मुर्दाबाद के नारे लगाए गए और उन्हें गद्दार बताया गया। बैठक में कांग्रेस के जिला और नगर अध्यक्ष भी मौजूद थे। जिला कमेटी ने पारित किए गए प्रस्ताव को पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है।
दरअसल कांग्रेस के जिन 23 नेताओ ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नेतृत्व की कार्यक्षमता पर सवाल उठाए थे और संगठन में व्यापक बदलाव की मांग की थी, उनमें उत्तर प्रदेश से पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद और पूर्व यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर भी शामिल थे। इसी के खिलाफ जितिन प्रसाद के लोकसभा क्षेत्र में ही काग्रेस कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा।
कांग्रेस की लखीमपुर खीरी जिला कमेटी ने प्रस्ताव पारित कर कहा है कि सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी की एकमात्र सर्वमान्य नेता हैं। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर हम पूर्ण विश्वास रखते हैं, अगर कोई बदलाव होता है तो हमें राहुल गांधी पर भरोसा है, उन्हें अध्यक्ष बनाया जाए। प्रस्ताव में कहा गया है कि जिन सदस्यों ने हस्ताक्षर करके ऐसे समय में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उनकी कार्यक्षमता पर उंगली उठाई है, जबकि देश में कोरोना की आपात स्थिति है। सोनिया गांधी स्वयं अस्वस्थ हैं एवं राजस्थान और मध्यप्रदेश की सरकारों पर बीजेपी हमला कर रही थी। ऐसे समय में पत्र पर हस्ताक्षर करना यह दर्शाता है कि इऩ लोगों की सोनिया गांधी एवं कांग्रेस में कोई आस्था नहीं है।
कांग्रेस जिला कमेटी द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि जो कार्य बीजेपी सरकार कर रही है, हू ब हू इन लोगों ने किया है। जिला कमेटी ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास किया कि हस्ताक्षर करने वाले समस्त सदस्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही हो तथा उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाए।
प्रस्ताव में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश से पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद के हस्ताक्षर हैं। इनका पारिवारिक इतिहास गांधी परिवार के खिलाफ रहा है। इनके पिता ने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़कर इसका सबूत दिया था। इसके बाद भी सोनिया गांधी ने जितिन प्रसाद को लोकसभा का टिकिट देकर सांसद और मंत्री बनाया। इनके द्वारा किया गया यह कृत्य अनुशासनहीनता है। जिला कांग्रेस कमेटी इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है और अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करती है।
कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद यूपी के धौरारा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे थे। मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री भी बनाए गए। उन्होंने कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली थी। बता दें कि लोकसभा चुनावों से पहले उनके बारे में मीडिया में ये खबरें सुर्खियां बनी थीं कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भी कई नेताओं ने पत्र लिखने वाले नेताओं की जमकर खिंचाई की थी और सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा जताया था। सूत्रों के मुताबिक पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, शशि थरूर, सांसद विवेक तन्खा, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद तथा पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, राजेंदर कौर भट्टल, एम. वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, पीजे कुरियन, अजय सिंह, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा, राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, अखिलेश प्रसाद सिंह, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित शामिल हैं।