BJP की B टीम बनी BSP, दलित उत्पीड़न पर भी चुप हैं मायावती- दारापुरी

कोरोना महामारी काल में भी प्रदेश में लगातार दलित उत्पीडन बढ़ रहा है. प्रदेश का शायद ही कोई जिला हो जहाँ से रोज दलित, आदिवासियों और समाज के कमजोर तबकों पर हो रहे जुल्म की खबरें न आ रही हों. यही नहीं कोरोना महामारी में भी सबसे ज्यादा इन्हीं तबको के लोग विस्थापित हुए और यातना का शिकार हुए. भाजपा की सरकार में इन पर हो रहे जुल्म के खिलाफ बोलने की जगह सीबीआई जाँच से डरी मायावती सरकार को बचाने में लगी है. मायावती के आ रहे बयानों से लगता है कि बसपा भाजपा की बी टीम बन गयी है. यह बातें आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रवक्ता एवं पूर्व पुलिस आई.जी. एसआर दारापुरी ने अपने बयान में कही हैं.

एसआर दारापुरी ने कहा कि मात्र मई माह में संभल में पूर्व विधायक छोटेलाल दिवाकर और उसके पुत्र की गोली मारकर हत्या, संघकिषा में बौद्ध भिक्षु पर गोलीबारी, शामली में दो दलित युवतियों की हत्या, महाराजगंज में मेड के विवाद में प्रधान के बेटे द्वारा दलित युवक की पिटाई एवं थूक कर चटवाना, कुशीनगर में क्वारिनटीन कैम्प में दलित द्वारा बनाये गए भोजन का बहिष्कार एवं फेक दिया जाना, सोनभद्र में दलित बालिका पर बलात्कार, फतेहपुर में दलित युवक प्रदीप पासवान की हत्या, हाथरस कोतवाली में दलित युवक पर चोरी का आरोप लगा कर गोली मार देना, चित्रकूट जिले के राजपुर गाँव में 14 साल की दलित किशोरी से बलात्कार, भदोही जिले के लक्ष्मण गाँव में आंबेडकर की मूर्ति खंडित करने आदि की घटनाएँ हुई है. इन पर मायावती की चुप्पी आपराधिक है.

एसआर दारापुरी ने कहा कि इसी प्रकार मायावती प्रवासी मजदूरों के मामलें में भी जिसमें वह भाजपा के प्रवक्ता के रूप में खड़ी नज़र आती है. यदि कोई कुछ पहल करता तो उस पर उसे राजनीति एवं ड्रामेबाजी बताती है.

उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी को रोकने में बुरी तरह विफल रही और देश को महा विनाश के कगार पर पहुचाने वाली आरएसएस– भाजपा की सरकार तानाशाही की ओर बढ़ रही है. दिल्ली में देवागना और नतासा की गिरफ़्तारी इसका ताज़ा साबूत है.

दारापुरी ने कहा कि इसके पहले सफुरा जरगर, मीरान हैदर, खालिद सफी, गुलफिसा फातिमा, इसरत जहाँ जैसे छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की काले कानून युएपीए के तहत जेल में डाला गया, उनका पुलिस थाने में बर्बर उत्पीडन किया गया. इसकी निदा करते हुए उन्होंने कहा कि इस तानाशाही का मुकाबला मायावती सरीखी भ्रष्ट बहुजन राजनीति नहीं कर सकती. इसके लिए जन राजनीति को खड़ा करना होगा और उससे जुड़ना होगा.


विज्ञप्ति पर आधारित

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