शुक्रवार की रात, अप्रत्याशित रूप से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से भारी सांगठनिक फेरबदल की ख़बर आई। हालांकि इस फेरबदल में जो हुआ, उसका अंदेशा 2 हफ्ते पहले ही हो गया था – जब राहुल गांधी के साथ, कई वरिष्ठ नेताओं का विवाद सार्वजनिक हो गया था। लेकिन कांग्रेस कमेटी द्वारा शुक्रवार की रात जारी प्रेस रिलीज़ में साफ हो गया कि राहुल गांधी भले ही पार्टी के अध्य़क्ष न हों – उनकी मर्ज़ी ही संगठन में सबसे ऊपर रहने वाली है। इस फेरबदल में राहुल गांधी से मतभेद या विवाद में शामिल सभी वरिष्ठ नेताओं को या तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, या फिर उनको पदावनत कर के, कमज़ोर कर दिया गया है। राहुल गांधी के करीबी और पसंदीदा नेताओं को पदोन्नति मिली है या फिर उनकी वर्किंग कमेटी में वापसी हुई है।
इसी के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में एक बार फिर राहुल गांधी के समर्थक-करीबी नेताओं का दबदबा स्थापित हो गया है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के परमानेंट इनवाइटीज़ में दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश के अलावा अधीर रंजन चौधरी, पवन बंसल भी हैं। राहुल गांधी के प्रिय रणदीप सिंह सुरजेवाला अब न केवल कांग्रेस वर्किंग कमेटी का हिस्सा हैं – वे कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देने वाली उच्च स्तरीय 6 सदस्यीय विशेष समिति के सदस्य और कर्नाटक के प्रभारी भी बना दिए गए हैं। इस तरह देखें तो इस फेरबदल में सबसे ज़्यादा सुरजेवाला के कद में ही बढ़ोत्तरी हुई है।
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में जब सुरजेवाला को वहां की स्थिति संभालने के लिए भेजा गया था – तभी से माना जा रहा था कि उनका कद अब पार्टी में कई वरिष्ठ और बुज़ुर्ग नेताओं से बड़ा होने वाला है। ॉ
कांग्रेस अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गाँधी जी व श्री राहुल गाँधी जी का संगठन में नई ज़िम्मेवारी देने के लिए दिल से धन्यवाद।
सब साथियों का भी धन्यवाद जिन्होंने सदैव साहस बढ़ाया और साथ दिया ताकी कठिन चुनौतियों का डटकर मुक़ाबला कर सकें।
संगठन के लिए जी तोड़ परिश्रम करना ही ध्येय है।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 11, 2020