गाँधी परिवार के ट्रस्टों की जाँच पर बोले राहुल- “जो सच के लिए लड़ते हैं, उन्हें डराया नहीं जा सकता”

राजीव गांधी फाउंडेशन समेत गांधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्टों की जांच के लिए गृहमंत्रालय द्वारा कमेटी बनाने के फैसले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पलटवार किया है। राहुल गाधी ने कहा है कि जो सच्चाई के लिए लड़ते हैं उन्हें डाराया नहीं जा सकता। कांग्रेस पार्टी ने भी कहा कि कांग्रेस और उसका नेतृत्व मोदी सरकार की धमकाने वाली कोशिशों से डरने वाला नहीं है।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि “मोदी जी को लगता है कि पूरी दुनिया उनके जैसी ही है। उन्हें लगता है हर किसी की कीमत होती है या डराया जा सकता है। वो कभी नहीं समझेंगे कि जो सच के लिए लड़ते हैं उन्हें खरीदा और डराया नहीं जा सकता।”

वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘कांग्रेस और उसका नेतृत्व मोदी सरकार की धमकाने वाली कोशिशों से डरने वाला नहीं है।’ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकार कोई भी तंत्र और यंत्र अपना ले, राजीव गांधी फाउंडेशन के पास कुछ छुपाने को नहीं है। सरकार जो पूछना चाहती है, पूछ सकती है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि देश में दो तरह के कानून हैं। एक विपक्षी दलों के लिए और दूसरा अपनी सरकार से जुड़ी हुई संस्थाओं के लिए। उन्होने कहा कि विवेकानंद फाउंडेशन, इंडिया फाउंडेशन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, ऑवरसीज़ ऑफ बीजेपी को भी पैसा मिला है। क्या सरकार इनसे भी सवाल पूछेगी?

दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रायल ने एक जांच कमेटी बनाई है जो राजीव गांधी फाउंडेशन के अलावा राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की फंडिंग और उनके द्वारा प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), आयकर अधिनियम और फॉरेन कॉन्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के नियमों के उल्लंघन की जांच की करेगी। कमेटी की अगुवाई ईडी के डायरेक्टर सिमांचल दास करेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट कर जानकारी है कि ‘केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अंतर-मंत्रालय कमेटी का गठन किया है, जो कि राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा पीएमएलए, आय कर कानून, एफसीआरए के विभिन्न कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किए जाने के मामलों में जांच में समन्वय के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की है।’

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर काफी विवाद चल रहा है। चीन सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस ने जब मोदी सरकार को घेरा तो बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिग को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होने यह भी आरोप लगाया था कि यूपीए सरकार ने प्रधानमंत्री राहत कोष से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा दिया है। उन्होने आरोप लगाया कि 2005-08 तक प्रधानमंत्री राहत कोष से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा दिया गया है। वहीं बीजेपी ने यह भी दावा किया कि चीन ने राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए फंडिंग की थी। बीजेपी ने आरोप लगाया कि यह चंदा ऐसे रिसर्च स्टडी के प्राप्त किए गए जो कि देशहित में नहीं थे।

 

हालांकि, कांग्रेस ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। कांग्रेस का कहना है कि ट्रस्टों का वित्तीय लेन-देन पूरी तरह से पारदर्शी है और कहीं कुछ ग़लत नहीं किया गया है। नरेंद्र मोदी सरकार राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है।

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, मोंटेक सिंह आहलुवालिया, सुमन दुबे, अशोक गांगुली और संजीव गोयनका इसके ट्रस्टी हैं।


 

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