चुनाव चर्चा: असम और बंगाल में पहले राउंड की वोटिंग से निकले संकेत

असम और बंगाल, दोनो राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए होली के एक दिन पहले 27 मार्च को पहले राउंड की वोटिंग से मिले संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वास्ते फायदामंद बताये जा रहे हैं. भाजपा का चुनावी उत्साह असम और बंगाल में सातवे आसमान पर है.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वोटिंग के बाद दावा किया कि भाजपा बंगाल के पहले राउंड 30 में 26 सीटें जीतेगी. उन्होने नई दिल्‍ली में भाजपा मुख्‍यालय पर प्रेस कॉन्‍फ्रेंस बुलाकर कहा उनकी पार्टी बंगाल में 200 सेज्‍यादा विधान सभा सीटें जीतकर इस राज्य में पहली बार सरकार बनाएगी.उनके बोल वचन थे :

‘राज्य में जमीनी स्तर पर मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी प्रथम चरण के चुनाव में 30 सीटों में से 26 पर जीत हासिल करेगी. बंगाल में प्रथम चरण में 26 सीटों से जो शुरुआत हुई है, हमारे लक्ष्य 200 पार को सिद्ध करने में हमें बड़ी सरलता रहेगी. भाजपा 200 से ज्यादा सीटों के साथ बंगाल में सरकार बनाएगी, इसका मुझे और सभी कार्यकर्ताओं को पूर्ण विश्वास है.’

उधर , ‘हड़बड़ गड़बड़ गोदी मीडिया’ और खबरिया टीवी चैनलो के ‘पोल्‍स’ में बंगाल में 10 बरस से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को भाजपा से कडी टक्कर मिलते बताया जा रहा है लेकिन टीएमसी के एक कार्यकर्ता , प्रीतम ने ट्वीट कर दावा किया कि आनंद बाज़ार पत्रिका समूह के एबीपी न्यूज चैनल ने पहले चरण के ‘ एग्जिट पोल ‘ में उनकी पार्टी को 23 से 26 सीटें जीतने का आंकलन किया है. उस खबर के स्‍क्रीनशॉट से संलग्न ट्वीट को चैनल ने गुमराह करने वाला बताया और कहा कि इसे डिलीट करने का आग्रह किया गया है. चैनल के अधिकारी तुषार बनर्जी के अनुसार इस एग्जिट पोल का खुलासा निर्वाचन आयोग के पहले से लागू नियम के तहत आखिरी चरण की वोटिंग के बाद किया जायेगा, जो 29 अप्रैल को है.

प्रीतम का ट्वीट था:

‘हमें साफ तस्‍वीर नजर आ रही है कि ममता बनर्जी 2 मई को तीसरी बार पश्चिम बंगाल के मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी.’

 

वोटिंग फ़ीसद:

बंगाल में पहले चरण की वोटिंग में करीब 80 फ़ीसद मतदान दर्ज हुआ. बांकुरा में 80.03 प्रतिशत, झाड़ग्राम में 80.55 प्रतिशत, पश्चिम मिदनापुर में 80.16 प्रतिशत और पूर्वी मिदनापुर जिले में 82.42 प्रतिशत मतदान हुआ. झाड़ग्राम, मिदनापुर, पटशपुर और रामनगर उन क्षेत्रों में शामिल है जहाँ पहले चरण में मतदान हुआ.

गौरतलब है निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने 26 फरवरी को असम, बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी विधानसभा चुनाव के लिये वीवीपीएटी यानि वोटर वेरीफाइड पेपर औडिट ट्रौल की पृथक मशीन से जुडी हुई ईवीएम यानि इलेक्ट्रौनिक वोटिंग मशीन से मतदान कराने के कार्यक्रम की घोषणा की थी. इनमें पुडुचेरी केंद्र शासित प्रदेश है. पांचो विधान सभा चुनाव के लिये मतदाताओ के ईवीएम में दर्ज वोट की काउंटिंग एक ही दिन दो मई को होनी है. उसी दिन सूर्यास्त तक सबके आधिकारिक परिणाम मिल जाने की संभावना है.

असम विधान सभा की कुल 126 सीटों के लिये तीन चरण में 27 मार्च, एक अप्रैल और 6 अप्रैल को वोटिंग तय की गई. बंगाल विधान सभा की 294 सीटो के वास्ते आठ चरण में 27 मार्च से शुरु कर 1 , 6 , 10 , 17 , 22 , 26 और 29 अप्रैल को वोटिंग तय की गई.

केरल , तमिलनाडु और पुडुचेरी विधानसभा चुनाव के लिये एक ही चरण में 6 अप्रैल को वोटिंग होगी. इन सब विधान सभा का पांच बरस का कार्यकाल इसी बरस मई या जून में समाप्त होने वाला है.

 

बंगाल की ‘दीदी’ की कहानी

बंगाल मे 10 बरस पहले के विधान सभा चुनाव में ममता बनर्जी की बनाई नई पार्टी ‘आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस’ टीएमसी ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सिस्ट (सीपीएम) के वाम मोर्चा के तीन दशक से अधिक का एकछत्र राज खतम कर दिया. केंद्र में कांग्रेस सरकार में मंत्री रही ममता जी ने तब कांग्रेस से गठबंधन किया था पर उन्हे अपनी सरकार बनाने के लिये कांग्रेस के समर्थन की जरुरत नही पडी.

 

अपने दम पर बनी एकलौती महिला मुख्यमंत्री

वह भारत की एकलौती महिला मुख्यमंत्री है. उन्हे यह गौरव भी हासिल है कि जहाँ तमिलनाडु में आल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम (एआईडीएमके) की अब दिवंगत हो चुकी नेता जे जयललिता, उनसे कुछ पहले फिल्म से सियासत मे आये करिश्माई एमजी रामचंद्रण, उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मायावती ,पार्टी संस्थापक कांशीराम, बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की राबडी देवी , पूर्व केंद्रीय मंत्री एवम अपने पति लालू प्रसाद यादव और जम्मु-कश्मीर में महबूबा मुफ़्ती जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अपने पिता एवम पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के पुरुष राजनीतिक संरक्षण में मुख्यमंत्री बन सकीं, वही ममता जी ने अपने दम पर टीएमसी संगठन खड़ा कर मुख्यमंत्री का पद हासिल किया. वैसे भारत की प्रथम मुस्लिम महिला मुख्यमंत्री असम में 1980 में कांग्रेस की सैयदा अनवरा तैमूर थीं.

भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में 1963 में कांग्रेस की सुचेता कृपलानी बनी थी.वह गांधीवादी नेता आचार्य कृपलानी की पत्नी थी.
उन्होने और महिला मुख्यमंत्रियो की सूची में शामिल भाजपा की दिवंगत सुषमा स्वराज (दिल्ली ) ने अपनी अलग पार्टी नहीं बनाई थी. इस मामले मे दीदी अब तक लाजवाब हैं.

 

असम की चुनावी तस्वीर

राज्य की 47 विधान सभा सीटो पर पहले राउंड की वोटिंग में 72 प्रतिशत से ज्यादा मत दान रिकार्ड हुआ. भाजपा नेता एवम केंद्रीय मंत्री जितेंद्र
सिन्ह ने अपनी पार्टी की फिर जीत होने का दावा किया है, असम में अभी भाजपा नेतृत्व की गठबंधन सरकार में असम गण परिषद (एजीपी) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) भी शामिल हैं. असम उन पांच विधानसभा चुनाव वाला अकेला राज्य है जहाँ भाजपा सत्ता में है.

राज्य के पिछले चुनाव में भाजपा को 60 , एजीपी को 14 और बीपीएफ को 12 सीट मिली थीं. विधान सभा में कांग्रेस के 20 और एआईयूडीएफ के 14 विधायक हैं. कांग्रेस के दो विधायक हाल में भाजपा पाले में चले गए.

 

महागठबंधन एक्सप्रेस

कांग्रेस के महागठबंधन में शामिल अन्य किसी पार्टी का विधायक नहीं है. कांग्रेस के महागठबंधन में संसदीय कम्यूनिस्ट पार्टियो में से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सिस्ट (सीपीआईएम), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीआईएमएल) के अलावा ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ ) और आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) भी हैं. महागठबंधन में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) , असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद , (अजायुछाप), असम जातीय परिषद (एजेपी) , कृषक मुक्ति संग्राम समिति और पिछले बरस बने ‘ राईजर दल ‘ को भी लाने के प्रयास किये गये. महागठबंधन के जीतने पर मुख्यमंत्री कौन होगा इसकी घोषणा नहीं की गई है. कांग्रेस और एआईयूडीएफ पहली बार चुनावी गठबंधन में साथ आये हैं. हमने इसी बरस चुनाव चर्चा के 28 जनवरी के अंक में लिखा था बिहार से ‘महागठबंधन एक्सप्रेस’ असम पहुंच गई. पर राज्य में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ‘चाणक्यगीरी ‘ भी चल रही है. असम के कांग्रेस प्रभारी जितेंद्र सिंह ने विधान सभा चुनाव में महागठबंधन की जीत का विश्वास व्यक्त किया है.लेकिन कांग्रेस का सांगठनिक ढांचा जर्जर हो चुका है. स्थानीय निकायों के हालिया चुनावों में उसका प्रदर्शन बहुत खराब रहा.

 

अमित शाह का मिशन असोम

असम उन पांच विधान सभा चुनाव वाला अकेला राज्य है जहाँ मोदी जी की भाजपा सत्ता में है. इस राज्य के पिछले चुनाव में भाजपा को 60 , एजीपी को 14 और बीपीएफ को 12 सीटें मिली थीं. मौजूदा चुनाव में भाजपा का उत्साह सातवे आसमान पर है. अभी भाजपा के नेतृत्व में सांझा सरकार है। इसमें शामिल दलों में असम गण परिषद और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) प्रमुख हैं.

असम के 2016 में पहली बार मुख्यमंत्री बने सर्वानंद सोनेवाल भाजपा में आने से पहले ‘आल असम स्टूडेंट्स यूनियन’ और फिर असम गण परिषद (एजीपी) में थे. एजीपी असम की गठबंधन सरकार में शामिल हैं.एजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार मोहंता को पार्टी से हटा दिया है जो 1980 में असम में जबर्दस्त छात्र आंदोलन के ज़रिए सियासत में आए. वह सीएए के कटु आलोचक हैं. समझा जाता है कि इसलिए सोनवाल जी के इशारे पर उन्हें एजीपी से हटा दिया गया.

असम और बंगाल में एक समानता ये है कि दोनो ही राज्य की नई विधान सभा के लिये चुनाव एकसाथ हो रहे हैं. उनके परिणाम भी निर्वाचन आयोग एक्साथ दो मई को घोषित करने वाला है. देखना यह कि इन दोनों राज्यों की समानताएं और भिन्नताएं इस चुनाव में क्या गुल खिलाती हैं.

 

*मीडिया हल्कों में सीपी के नाम से मशहूर चंद्र प्रकाश झा 40 बरस से पत्रकारिता में हैं और 12 राज्यों से चुनावी खबरें, रिपोर्ट, विश्लेषण के साथ-साथ महत्वपूर्ण तस्वीरें भी जनता के सामने लाने का अनुभव रखते हैं। 

 

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