विश्व खाद्य दिवस: भारत में हर साल रोज़ 20 करोड़ लोग सोते हैं भूखे, 40% खाना होता है खराब!

आज विश्व खाद्य दिवस है। इस मौके पर भारत में भोजन के बिना या कमी में रहने वाले लोगों कि स्थिति और संख्या पर नज़र डालते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य और कृषि संगठन  [Food and Agriculture Organization(FAO)] की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में हर दिन 69 करोड़ से ज़्यादा लोग भूखे सोते हैं। वहीं, भारत में भोजन के अभाव में प्रतिदिन भूखे सोने वालों की संख्या 20 करोड़ से भी ज़्यादा है। आपको बात दें कि भारत में हर साल पैदा होने वाला 40% खाद्यान्न रखरखाव या आपूर्ति की गड़बड़ी के कारण खराब हो जाता है। इसके बावजूद करोड़ो लोग देश में खाली पेट सोने पर मजबूर हैं।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 101वें स्थान पर..

गुरुवार को ग्लोबल हंगर इंडेक्स- 2021 की रिपोर्ट भी जारी हुई । जिसमे बताया गया है कि 116 देशों की सूची में भारत 91वें स्थान से फिसलकर 101वें स्थान पर आ गया है।

थीम और उसका अर्थ..

हर साल एफएओ एक थीम रखता है। इस वर्ष एफएओ का विषय ग्रो, नरिश, सस्टेन, ऑवर एक्शन एंड ऑवर फ्यूचर है जिसका अर्थ है पोषण, पालन और विकास, हमारा प्रयास ही हमारा भविष्य है। FAO के अनुसार, बहुत से लोग भूखे सोने से बच सकते हैं बशर्ते खाद्य पदार्थ खराब होने से रोका जाए।

यह नुकसान को रोक दिया जाए तो दुनिया की एक बड़ी आबादी जो भूखे सोने को मजबूर है, को खाना खिलाया जा सकता है।

भारत में खाने की बर्बादी दर इस प्रकार..

 अमेरिका में इतना खाना बर्बाद..

चीन में सबसे ज़्यादा खाना बर्बाद

2030 तक 84 करोड़ भूखे सोएंगे…

एफएओ की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2014 के बाद दुनिया में भूखे पेट सोने वालों की संख्या में धीरे-धीरे इज़ाफा हो रहा है। युद्धग्रस्त अफगानिस्तान समेत दुनिया के अन्य गरीब और पिछड़े देशों में जिस तरह के हालात हैं उसे देखते हुए आने वाले समय में भुखमरी की स्थिति और गंभीर होगी। रिपोर्ट की माने तो, अभी दुनिया की 8.9% आबादी भूखी सो रही है। 2030 तक भूखे सोने वालों की संख्या 84 करोड़ हो जाएगी।

 

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