दि हिंदू के संपादक एन. राम की शुक्रवार को प्रकाशित स्टोरी में राफेल सौदे पर हुए खुलासे और उसके बाद आज सुबह राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने राफेल को एक बार फिर विमर्शों के केंद्र में ला दिया है। कोई सात घटे से ज्यादा बीत चुके हैं लेकिन राफेल अब भी सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहा है। राम ने अपनी स्टोरी में रक्षा मंत्रालय के उस पत्र का जिक्र किया है जिसमें उसने राफेल सौदे पर पीएमओ को समानांतर वार्ता करने से बाज़ आने को कहा है।
पिछले कोई एक साल से कांग्रेस इस बात को दुहराती आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी क्षमता में अनिल अंबानी की कंपनी को राफेल सौदे के माध्यम से लाभ दिलवाया है। अब सामने आया यह पत्र जो कि 24 नवंबर, 2015 को लिखा हुआ है, इस आरोप की पुष्टि करता है।
पत्र कहता है: ‘’इसलिए अब यह स्पष्ट है कि पीएमओ की तरफ से चलाई जा रही समानांतर वार्ता ने सौदे में एमओडी और भारतीय वर्ताकार पक्ष की मोलभाव की क्षमता को कमज़ोर किया है। हम पीएमओ को सुझाव देना चाहते हैं कि ऐसा कोई भी अफसर जो भारतीय वार्ताकार टीम का नहीं है वह फ्रेंच सरकार के दफ्तरों के साथ समानांतर दांव आज़माने से बाज़ आए।‘’