सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 2019 के आधार अध्यादेश की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को केंद्र और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को नोटिस जारी किये.जस्टिस एसए बोबडे और बीआर गवई की पीठ ने यह नोटिस जारी किया है.
Supreme Court issues notice to Centre and UIDAI in PIL challenging #Aadhaar Ordinance @UIDAI @ceo_uidai
https://t.co/NE4HP5bVLc— Bar and Bench (@barandbench) July 5, 2019
ये जनहित याचिका सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी एसजी वोम्बाटकेरे और मानव अधिकार कार्यकर्ता बेजवडा विल्सन ने दायर की है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस अध्यादेश और बदलावों से नागरिकों को संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का हनन होता है. याचिका में कहा गया है कि नागिरकों से संबंधित आंकड़ों का व्यावसायीकरण संविधान में प्रदत्त उनके गरिमा के अधिकार का उल्लंघन करता है.
याचिका में दावा किया गया है कि इन विनियमनों से संविधान में प्रदत्त निजता और संपत्ति के मौलिक अधिकारों का हनन होता है और इसलिए इसे असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि आधार पर नए अध्यादेश के जरिए पिछले दरवाजे से निजी क्षेत्र की आधार डाटा पर पहुंच कायम होगी और उससे नागरिकों को सर्विलांस करने में मदद मिलेगी.
Aadhaar-petition
13 फरवरी को लोकसभा के अंतिम सत्र में अध्यादेश के जरिये मोदी सरकार इसे लाई थी. जिसे लोकसभा में पारित कर दिया गया. लेकिन यह राज्यसभा में पारित नहीं हो सका. संसद सत्र के खत्म होने से पहले इसे ठोस रूप नहीं दिया जा सका.