सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फ़ैसले में प्रमोशन में आरक्षण दिए जाने पर लगी रोक हटा ली है। सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को कहा कि जब तक संविधान पीठ इस मामले में अंतिम फ़ैसला नहीं लेती, सरकार कानून के मुताबिक एस.सी/एस.टी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण दे सकती है।
सरकार की ओर से अतिरिक्त सालिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने कहा कि अलग-अलग हाईकोर्ट के फैसलों की वजह से प्रमोशन रुक गया है।
केंद्रीय कार्मिक विभाग ने 30 सितंबर 2016 को एक आदेश निकालकर सभी तरह की पदोन्नति पर रोक लगा दी थी, तब से प्रमोशन को लेकर परेशान कर्मचारी भटक रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन साल पहले पहले में प्रमोशन में आरक्षण देने का प्रावधान रद्द कर दिया था। यह मायावती सरकार के समय लागू किया गया था। इस फैसले के बाद तमाम एससी/एसटी कर्मचारियों को पदावनत किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में मशहूर नगराज फैसले में कहा था कि राज्य एससी और एसटी को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है। यदि वह आरक्षण के प्रावधान बनाना चाहते हैं, तो उन्हें आँकड़े पेश करके बताना होगा कि एससी-एसटी पिछड़े हुए हैं, उन्हें सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है