अमेरिकी विदेश विभाग की 2023 अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता (आईआरएफ़) रिपोर्ट ने भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों, ख़ासतौर पर मुस्लिमों और ईसाइयों के दमन–उत्पीड़न को एक बार फिर दुनिया के सामने ला दिया है। भारत के बहुलतावादी और सहिष्णु लोकाचार की रक्षा के लिए समर्पित एडवोकेसी समूह इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) ने इस रिपोर्ट का स्वागत किया है। संगठन ने कहा है कि यह रिपोर्ट भारत को विशेष चिंता का देश नामित करने की ज़रूरत की पुष्टि करती है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रिपोर्ट के भारत संबंधी हिस्से को जारी करते हुए कहा कि ‘भारत में हम धर्मांतरण विरोधी कानूनों, नफरत भरे भाषण, अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों के घरों और पूजा स्थलों को ध्वस्त करने में चिंताजनक बढ़ोतरी देख रहे हैं।’
इस रिपोर्ट में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के शासन के तहत धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न से जुड़े कई मुद्दों को शामिल किया गया है, जिसमें मुस्लिम और ईसाई विरोधी हिंसा, नफरत फैलाने वाले भाषण और मुसलमानों को निशाना बनाने वाला दुष्प्रचार, गौरक्षा के नाम पर हिंसा, घरों और मस्जिदों का विध्वंस, समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और धर्मांतरण विरोधी कानून, हिंदू त्योहारों के दौरान भीड़ की हिंसा, और अल्पसंख्यकों के घरों, दुकानों और पूजा स्थलों पर हमले जैसी भेदभावपूर्ण नीतियां और कानून शामिल हैं।
यह रिपोर्ट मणिपुर में चल रही जातीय और धार्मिक हिंसा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा मुस्लिम विरोधी दुष्प्रचार और प्रोपेगैंडा फिल्मों को बढ़ावा देने, ऐतिहासिक मस्जिदों पर कब्जा करने के लिए हिंदू वर्चस्ववादी समूहों द्वारा बार–बार किए जाने वाले प्रयासों और व्यापक घृणा भाषण की घटनाओं पर भी गौर करती है, जिस दौरान वक्ता मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को नियमित रूप से प्रोत्साहित करते हैं।
रिपोर्ट में मुसलमानों के खिलाफ मानवाधिकारों के हनन के विशिष्ट मामलों का भी हवाला दिया गया है, जिसमें गोरक्षकों द्वारा दो मुस्लिम पुरुषों, मोहम्मद जुनैद और मोहम्मद नासिर की भीड़ द्वारा की गयी हत्या भी शामिल है। रिपोर्ट में हिंदू वर्चस्ववादी भीड़ की हिंसा के बीच हरियाणा के नूह में एक इमाम सहित 6 लोगों की हत्या; 2002 के गुजरात नरसंहार के दौरान 11 मुसलमानों की हत्या के दोषी 69 हिंदू चरमपंथियों को बरी करना; और रेलवे अधिकारी चेतन सिंह द्वारा तीन मुस्लिम ट्रेन यात्रियों की गोली मारकर हत्या, जिसने हत्याओं के तुरंत बाद “मुसलमानों को केवल प्रधानमंत्री मोदी को वोट देने की चेतावनी दी आदि घटनाएँ शामिल हैं।
2023 आईआरएफ रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राज्य आयोग द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट में पेश किये गये निष्कर्षों को प्रतिध्वनित करती है, जो विदेश विभाग से अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन के लिए भारत को विशेष चिंता वाले देश (सीपीसी) के रूप में नामित करने का आह्वान करती है। .
आईएएमसी के कार्यकारी निदेशक रशीद अहमद ने कहा, “एक बार फिर, विदेश विभाग की अपनी रिपोर्टिंग से यह स्पष्ट है कि भारत सीपीसी के रूप में सूचीबद्ध करने योग्य है।” उन्होंने कहा, “अब सेक्रेटरी ब्लिंकन के लिए इन तथ्यों के साथ–साथ यूएससीआईआरएफ द्वारा वर्षों से प्रस्तुत किए गए तथ्यों पर कार्रवाई करने और भारत को सीपीसी के रूप में नामित करने का समय आ गया है।”
IAMC भारत सरकार से इन चिंताओं को दूर करने और अपने सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह करता है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।