कठुआ में 8 वर्षीय बच्ची के साथ रेप और हत्या मामले में पंजाब के पठानकोट की एक विशेष अदालत ने आज सात में से छह अभियुक्तों को दोषी ठहराया है. सभी छह को हत्या और बलात्कार के मामले में दोषी पाया गया है. बीते वर्ष जम्मू-कश्मीर की भाजपा-पीडीपी की तत्कालीन सरकार में मंत्री रहे भाजपा के दो विधायकों ने इस मामले में इन्हीं अभियुक्तों के बचाव में निकली तिरंगा यात्रा में हिस्सा लिया था. कोर्ट से बाहर आए पीड़िता पक्ष के वकील मुबीन फ़ारूक़ी ने कहा कि विशाल को छोड़ कर सभी छह अभियुक्तों को दोषी ठहराया गया है.
Six including police constable, SPOs convicted in Kathua rape case
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— ANI Digital (@ani_digital) June 10, 2019
दोषी करार दिए गये छह आरोपियों में से तीन को उम्रकैद की सजा और तीन को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है.मंदिर के संरक्षक व ग्राम प्रधान सांझी राम, विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और प्रवेश कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. जबकि सुरेन्द्र कुमार, सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता और हेड कांस्टेबल तिलक राज को पांच-पांच साल की सजा हुई.
Kathua rape and murder case: Tilak Raj, Anand Dutt and Surinder Kumar have been convicted for destruction of evidence. They have been given 5 years of imprisonment each. https://t.co/Wnmc4tdZ1M
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अप्रैल 2018 में हुई इस शर्मनाक वारदात के करीब डेढ़ साल बाद आज सुबह इस घटना पर सुनवाई करते हुए विशेष अदालत ने 7 में से 6 अभियुक्तों को आज दोषी ठहराया था. दोषी करार दिए गए अभियुक्तों में मंदिर के सेवादार और ग्राम प्रधान सांझी राम, दो पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया, सुरेंद्र कुमार, हेड कांस्टेबल तिलक राज, प्रवेश कुमार और आनंद दत्ता शामिल है.
Kathua rape & murder case: "Persons convicted by Pathankot court are Sanji Ram, Anand Dutta, Parvesh Kumar, Deepak Khajuria, Surender Verma and Tilak Raj. Verdict yet to come on Vishal," says Advocate Mubeen Farooqui, representing victim's family. (original tweet will be deleted) pic.twitter.com/Z2fmGydfi9
— ANI (@ANI) June 10, 2019
सांझी राम के बेटे विशाल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है.
सांझी राम ने बच्ची के मंदिर में ही बंधक बनाकर रखा था. वहां बच्ची के साथ पूरे 8 दिन तक रेप किया गया. अदालत ने इस मामले में तीनों पुलिसकर्मियों को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 201 (सबूत मिटाने) का दोषी करार दिया है.
इसमें अधिक से अधिक 3 साल की सजा होती है. मुख्य आरोपी सांझी राम पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 376 (रेप), 328 (अपराध करने के आशय से जहर या नशीला पदार्थ खिलाना), 343 (तीन या उससे अधिक दिनों के लिए बंदी बनाए रखना) लगाई गई हैं.
इस मामले में जिन लोगों का नाम सामने आया था, उनके समर्थन में स्थानीय लोगों ने एक तिरंगा यात्रा निकाली थी जिसमें लोग तिरंगा हाथ में लेकर सामने आए थे, समर्थन में रैली भी हुई थी जिसमें भारतीय जनता पार्टी के नेता और तत्कालीन पीडीपी-बीजेपी सरकार में मंत्री रहे लाल सिंह (वन मंत्री) और चंद्र प्रकाश (वाणिज्य मंत्री) ने उस यात्रा में शामिल होकर आरोपियों के समर्थन में बयान दिया था.
उसके बाद इस मामले ने न सिर्फ राजनीतिक बल्कि धार्मिक रंग भी लिया. बाद में भाजपा के मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा भी दिया था.
कोर्ट के फ़ैसले के बाद पीड़िता की मां ने मुख्य दोषी सांझी राम को फांसी देने की मांग की है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि जिन नेताओं ने आरोपियों का बचाव किया, पीड़ितों पर ही सवाल उठाए और कानून व्यवस्था को चुनौती दी उनके लिए आलोचना के शब्द काफी नहीं हैं.
Amen to that. The guilty deserve the most severe punishment possible under law. And to those politicians who defended the accused, vilified the victim & threatened the legal system no words of condemnation are enough. #KathuaRapeCase https://t.co/gL2FfRL3rJ
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 10, 2019
पीडीपी नेता और घटना के वक्त राज्य की मुख्यमंत्री रहीं महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा, ‘हम फैसले का स्वागत करते हैं. जघन्य अपराध पर राजनीति बंद होनी चाहिए. एक 8 साल की बच्ची को नशा दिया गया, बार-बार बलात्कार किया गया और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया गया. आशा है कि हमारी न्यायिक व्यवस्था में खामियों का फायदा दोषी नहीं उठा पाएंगे और उन्हें कड़ी सजा मिलेगी.
Welcome the judgement. High time we stop playing politics over a heinous crime where an 8 year old child was drugged, raped repeatedly & then bludgeoned to death. Hope loopholes in our judicial system are not exploited & culprits get exemplary punishment https://t.co/jBuRUdGa5h
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 10, 2019