न्यूज़ वेबसाइट स्क्रॉल डॉट इन की एक रिपोर्ट के अनुसार भाजपा शासित झारखण्ड के एक ही जिले में दस हजार से ज्यादा लोगों पर पत्थरगड़ी के आरोप में राजद्रोह यानी सेडिशन का केस दर्ज है। स्क्रॉल की कार्यकारी संपादक सुप्रिया शर्मा की रिपोर्ट बताती है कि ये सभी अनाम आदिवासी हैं। इन मामलों के खिलाफ रांची हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है।
10,000 people in one district have been charged with #sedition.
On what grounds?
Read @scroll_in's ground report from Jharkhand based on 19 FIRs and scores of interviews. https://t.co/ydoVAmhvvG
— Supriya Sharma (@sharmasupriya) November 19, 2019
इस रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की राजधानी रांची से महज एक घण्टे की दूरी पर खूंटी जिला में जून 2017 से जुलाई 2018 के बीच पुलिस द्वारा दायर 19 एफआइआर में 11,200 लोगों पर सामाजिक सौहार्द भंग करने के आरोप लगाए गए हैं। वहीं 14 केसों 10,000 से ज्यादा लोगों पर आईपीसी की धारा 124A के तहत राजद्रोह का केस दर्ज हैं।
10,000 people charged with sedition in one Jharkhand district. What does democracy mean here? https://t.co/vsriWYJ9RU #TalkingDemocracy https://t.co/BbTXQYooHN
— Scroll.in (@scroll_in) November 19, 2019
इन अनाम आदिवासियों के खिलाफ़ दर्ज केस को आदिवासी न्याय मंच नामक संगठन की ओर से अधिवक्ता सुनील विश्वकर्मा ने चुनौती दी है। उन्होंने कोर्ट से याचिका में आग्रह किया था कि ये सारे मामले किसी जांच एजेंसी कु सुपुर्द किए जाएं।
हाइकोर्ट ने इस मामले को स्वीकार करते हुए झारखण्ड सरकार और राज्य की पुलिस को नोटिस भेजा है। मामले में पहली हियरिंग लंबित है।