प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में छात्र संघ की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर हुआ है। यह ब्राह्मणों का गढ़ माने जाने वाले संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव के आज आए नतीजों में सभी पदों पर कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के प्रत्याशियों की भारी मतों से जीत हुई है और भारतीय जनता पार्टी के छात्र संगठन एबीवीपी के प्रत्याशी हार गए हैं।
मीडियाविजिल से बातचीत में एनएसयूआई के विजयी प्रत्याशी ने सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ने की बात कही। नवनिर्वाचित अध्यक्ष शिवम शुक्ला ने कहा कि मोदी के क्षेत्र में एनएसयूआई की यह जीत बहुत बड़ी जीत है और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में एनएसयूआई का छात्र संघ रहा है कभी भी छात्रों पर कोई अत्याचार नहीं हुआ।
यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि दिसंबर में हुए काशी विद्यापीठ के छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी को उपाध्यक्ष पद छोड़कर बाकी सभी पदों पर हार का सामना करना पड़ा था। यहां अध्यक्ष सहित दो पदों पर समाजवादी छात्र सभा की जीत हुई थी जबकि महामंत्री का पद एनएसयूआई ने जीता था।
देशभर के विश्वविद्यालयों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की अराजकता और हिंसा के जवाब और प्रतिक्रिया के रूप में इस जीत को देखा जा रहा है। साथ ही राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र बन चुके बनारस के भीतर दो विश्वविद्यालयों के छात्र संघ चुनाव में लगातार एबीवीपी की हार इस बात का संकेत कर रही है कि परिसरों के भीतर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश अब परिवर्तन लाने लगा है।