सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी को मंगलवार सुबह लखनऊ जिला जेल से रिहा किया गया. दोनों को 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के संबंध में गिरफ्तार किया गया था. वहीं 20 दिसंबर को लखनऊ से गिरफ्तार शिक्षक और मानवाधिकार कार्यकर्ता रॉबिन वर्मा को भी लखनऊ की अदालत ने जमानत दे दी है.
Sadaf Zafar,social activist&Congress leader who was arrested during protest against Citizenship Amendment Act,in Lucknow:The fear of being jailed&beaten up has now gone away, thanks to Yogi Ji. I will continue to protest strongly till the time this inhuman law is not withdrawn. pic.twitter.com/mOfpZD1nEA
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 7, 2020
जेल से रिहा होते ही एसआर दारापुरी और सदफ जाफर ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए.
एसआर दारापुरी ने कहा कि मुझे गिरफ्तार करने का कोई कारण नहीं था. मुझ पर सोशल मीडिया पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ टिप्पणी पोस्ट करने और लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया जो कि बिल्कुल गलत है.
कई निर्दोषों को फंसाया गया है और बेरहमी से पीटा गया है. हिंसा के लिए आरएसएस और भाजपा जिम्मेदार हैं.
Dear @IPS_Association & other IPS voices
One of your own, Mr. Darapuri, was arrested for 3 weeks & not given proper food or clothing by Yogi's UP Police
He was released by courts as there wasn't any evidence against him
Why are all of you mute? Scared?pic.twitter.com/vs8mrmdQjb
— Srivatsa (@srivatsayb) January 7, 2020
पूर्व आइजी दारापुरी ने कहा जब मुझे थाने ले जाया गया तो मैंने कहा मुझे ठंडी लग रही है मेरे पास कोई कपड़ा नहीं है, मुझे कम्बल दिया जाए, पर मुझे उन्होंने कम्बल देने से मना कर दिया.
Horrific details by #SadafJafar on how UP Police treated her
"The lady officers assaulted me, asking me to go to Pakistan. I was called to IG's room and he asked the officers to slap me, he then pulled my hair and kicked me in stomach."
This is criminal @myogiadityanath pic.twitter.com/tMLYAvzcBG
— All India Mahila Congress (@MahilaCongress) January 7, 2020
सदफ जाफर ने कहा कि 19 दिसंबर को जब लखनऊ में हिंसा हुई तो मैं फेसबुक लाइव के जरिए पुलिस की निष्क्रियता उजागर कर रही थी. हम शांतिपूर्वक सीएए के खिलाफ विरोध कर रहे थे, जो संवैधानिक है.योगी सरकार अमानवीय है.सदफ जाफर ने कहा कि थाने में उनके साथ मारपीट हुई, उनके बाल खींचे गये.