मोदी के ख़रबपति दोस्तों को दिल्ली आने पर लाल कालीन, किसानों के लिए गड्ढे- भड़के प्रियंका और राहुल

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली पहुंच रहे किसानों को रोकने के तमाम प्रयासों को लेकर बीजेपी सरकारों पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहंकार’ ने जवान को किसान के खिलाफ खड़ा कर दिया है। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यह कहते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है कि भाजपा के खरबपति मित्र जब दिल्ली आते हैं तो उनके लिए लाल कालीन बिछाई जाती है, मगर किसानों के दिल्ली आने के रास्ते खोदे जा रहे हैं।

राहुल गांधी ने सुरक्षाकर्मी द्वारा एक बुजुर्ग किसान पर लाठी भांजने की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया है कि “बड़ी ही दुखद फ़ोटो है। हमारा नारा तो ‘जय जवान जय किसान’ का था लेकिन आज PM मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के ख़िलाफ़ खड़ा कर दिया। यह बहुत ख़तरनाक है।”

इसके पहले एक अन्य ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा कि “PM को याद रखना चाहिए था जब-जब अहंकार सच्चाई से टकराता है, पराजित होता है।

सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती। मोदी सरकार को किसानों की माँगें माननी ही होंगी और काले क़ानून वापस लेने होंगे। ये तो बस शुरुआत है! #IamWithFarmers

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधीँ ने कहा कि भाजपा सरकार में देश की व्यवस्था को देखिए। जब भाजपा के खरबपति मित्र दिल्ली आते हैं तो उनके लिए लाल कालीन डाली जाती है। मगर किसानों के लिए दिल्ली आने के रास्ते खोदे जा रहे हैं।

दिल्ली किसानों के खिलाफ कानून बनाए वह ठीक, मगर सरकार को अपनी बात सुनाने किसान दिल्ली आए तो वह गलत?

इसके पहले एक अन्य ट्वीट में प्रियंका गांधी ने कहा कि किसानों की आवाज दबाने के लिए पानी बरसाया जा रहा है। सड़कें खोदकर रोका जा रहा है। लेकिन सरकार उनको ये दिखाने और बताने के लिए तैयार नहीं है कि MSP का कानूनी हक होने की बात कहां लिखी है।

एक देश, एक चुनाव की चिंता करने वाले प्रधानमंत्री जी को एक देश, एक व्यवहार भी लागू करना चाहिए।

https://twitter.com/priyankagandhi/status/1332204866152763393

ग़ौरतलब है कि कांग्रेस शुरू से ही इस आंदोलन में किसानों के साथ है। पंजाब में महीनो से चले आंदोलन में भी पार्टी पूरी तरह सक्रिय रही। पंजाब में कांग्रेस की सरकार होने की वजह से ही वहाँ किसी तरह का दमन नहीं हुआ और आंदोलन शांतिपूर्वक चलता रहा।

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