कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने अपने वीडियो सीरीज की अगली कड़ी में एक और वीडियो संदेश जारी किया है। राहुल ने इस वीडियो संदेश में चीन की सामरिक और रणनीतिक सोच को लेकर अपने विचार साझा किए हैं। इस वीडियो संदेश में राहुल गांधी ने कहा कि यह साधारण सीमा विवाद भर नहीं है। यह सुनियोजित सीमा विवाद है भारतीय प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए।
राहुल ने कहा कि चीन पीएम नरेंद्र मोदी के 56 इंच वाले आइडिया पर अटैक कर रहा है और प्रधानमंत्री दबाव में आ गए हैं। चीनी हमारे इलाके में बैठा है और प्रधानमंत्री खुलेआम कह रहे हैं कि वह नहीं बैठा है। इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं और उनका छवि बचाने पर ध्यान है। उन्होंने कहा अगर प्रधानमंत्री चीनियों को यह समझने का मौका देते हैं कि छवि की चिंता में उन्हें चंगुल में लिया जा सकता है तो भारतीय प्रधानमंत्री इस देश के लिए किसी काम के नहीं रहेंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि दरअसल चीन जानता है कि नरेंद्र मोदी के लिए प्रभावी राजनीतिज्ञ बने रहने के लिए उन्हें अपनी 56 इंची छवि की रक्षा करनी होगी, और इसी पर चीन वार कर रहा है। वह नरेंद्र मोदी को कह रहा है कि यदि आप वह नहीं करेंगे जो चीन चाहता है, तो वह आपकी मजबूत नेता वाली छवि को ध्वस्त कर देगा।”
PM fabricated a fake strongman image to come to power. It was his biggest strength.
It is now India’s biggest weakness. pic.twitter.com/ifAplkFpVv
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 20, 2020
राहुल गांधी ने अपने नये वीडियो में कहा है कि “चीन की रणनीति उजागर हो गई है। यह साधारण सीमा विवाद नहीं है। मेरी चिंता है कि चीनी आज हमारे इलाके में बैठे हैं। प्रश्न है कि चीन की सामरिक रणनीति क्या है? चीन वगैर रणनीतिक सोच के कोई कदम नहीं उठाता। उसके दिमाग में संसार का नक्शा खिंचा हुआ है और वो अपने हिसाब से उसे आकार दे रहा है। जो वह कर रहा है, वो उसका पैमाना है, उसी के तहत ग्वादर है, उसी में बेल्ट एंड रोड आता है। यह दरअसल इस संसार की पुनर्रचना है। इसलिए जब आप चीनियों के बारे में सोचें आपको यह समझना होगा कि वह किस स्तर पर सोच रहे हैं।”
राहुल गांधी ने कहा कि “अब आप सामरिक स्तर पर देखें, वह अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं। चाहे वह गलवान हो, डेमचोक हो या फिर पैंगोंग झील। उनका स्पष्ट इरादा है- मजबूत स्थिति में जाना। हमारे हाईवे से वो परेशान है। वो हमारा हाईवे बर्बाद करना चाहते हैं। और अगर वो कुछ बड़ा सोच रहे हैं, वो कुछ करना चाहते हैं, पाकिस्तान के साथ कश्मीर में। अत: यह साधारण सीमा विवाद भर नहीं है। यह सुनियोजित सीमा विवाद है भारतीय प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए। और वह एक खास तरीके से दबाव डालने के बारे में सोच रहे हैं। और इसके लिए वह जो कर रहे हैं। वह है, उनकी छवि पर हमला करना, और वह जानते हैं कि नरेंद्र मोदी के लिए प्रभावी राजनीतिज्ञ रहना मजबूरी है, एक राजनीतिज्ञ के रूप में बने रहने के लिए उन्हें अपनी 56 इंची छवि की रक्षा करनी होगी, और यही वह असली विचार है जिस पर चीन वार कर रहा है। वह मूलत: नरेंद्र मोदी को कह रहा है कि यदि आप वही नहीं करेंगे जो चीन चाहता है, तो वह नरेंद्र मोदी की मजबूत नेता वाली छवि को ध्वस्त कर देगा।”
राहुल गांधी ने कहा कि “अब प्रश्न उठता है कि नरेंद्र मोदी क्या प्रतिक्रिया देंगे? क्या वह उनका सामना करेंगे? क्या वह चुनौती स्वीकार करेंगे? और कहेंगे, बिल्कुल नहीं! मैं भारत के प्रधानमंत्री हूं! मैं अपनी छवि की चिंता नहीं करता! मैं तुम्हारा सामाना करूंगा या वो उनके सामने हथियार डाल देंगे?
जो चिंता मेरी अब तक रही है कि प्रधानमंत्री दबाव में आ गए हैं। मुझे जो चिंता है चीनी हमारे इलाके में आज बैठे हैं। और प्रधानमंत्री खुलेआम कह रहे हैं कि वह नहीं बैठे हैं। इससे मुझे साफ पता चलता है कि वह (प्रधानमंत्री) अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं और उनका छवि बचाने पर ध्यान है। और यदि वह चीनियों को यह समझने का मौका देते हैं कि छवि की चिंता में उन्हें चंगुल में लिया जा सकता है तो भारतीय प्रधानमंत्री इस देश के लिए किसी काम के नहीं रहेंगे”।