प्रियंका ने गंगा किनारे की समाधियों से रामनामी हटाने को ‘सरकार का पाप’ कहा!

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने  प्रयागरज में गंगा किनारे बालू में दफनाये गये शवों के ऊपर पड़ी रामनामी हटाने को पाप और मानवता के प्रति अपराध बताया है। उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो साझा कर सरकार पर यूपी सरकार तीखा हमला बोला। उन्होंने लिखा कि-

“जीते जी ढंग से इलाज नहीं मिला। कितनों को सम्मान से अंतिम संस्कार नहीं मिला। सरकारी आंकड़ों में जगह नहीं मिली। अब कब्रों से रामनामी भी छीनी जा रही है।

छवि चमकाने की चिंता में दुबली होती सरकार पाप करने पर उतारू है। ये कौन सा सफाई अभियान है?

ये अनादर है-मृतक का, धर्म का, मानवता का।”

 

 

यही नहीं प्रियंका गाँधी ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिये ज़िम्मेदार कौन अभियान शुरू करने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से सवाल पूछना उनका दायित्व है। अनगिनत जानें सरकार की लापरवाही से गयी हैं। ऐसे में वे जनता की तरफ से सरकार से सवाल पूछेंगी।

प्रियंका गांधी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि जब कोरोना की दूसरी लहर ने देश में तबाही मचानी शुरू की और देश के नागरिक बेड, ऑक्सीजन, वैक्सीन और दवाइयों के लिए संघर्ष कर रहे थे, उस समय देश की सरकार से लोगों को उम्मीद थी कि वो इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए पहले की तैयारियों एवं देश में उपलब्ध संसाधनों का पूरा इस्तेमाल लोगों की जान बचाने के लिए करेगी।

उन्होंने लिखा है कि लेकिन सरकार पूरी तरह से मूकदर्शक मोड में चली गई और पूरे देश में एक पीड़ादायी स्थिति पैदा हुई।

यूपी की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर लिखा है कि देश की सरकार के पास तैयारी के नाम पर केवल लापरवाही की तस्वीर थी। वैक्सीनों का निर्यात करना, ऑक्सीजन के निर्यात को 2020 में दुगना करना, दूसरे देशों की तुलना में जनसंख्या के अनुपात से बहुत कम वैक्सीन बहुत देर से ऑर्डर करना आदि जैसे कई बिंदु हैं, जिस पर सरकार का व्यवहार एकदम गैर-ज़िम्मेदाराना रहा।

उन्होंने लिखा कि दूसरी लहर के दौरान मौतों के आंकड़े बताते हैं कि इसका कहर कितना घातक था। देश भर में नागरिकों की कई सारी दर्दनाक तस्वीरें आईं। पूरे देश ने वे दिन बेहद पीड़ा के साथ काटे। कितनों का कोई प्यारा गुजर गया, हर किसी ने किसी को खो दिया है। लिखा है कि आज जब प्राकृतिक रूप से यह लहर थोड़ी थम रही है तब अचानक सरकार अपनी मीडिया और मशीनरी के द्वारा फिर से दिखने लग रही है, फिर से हमारे प्रधानमंत्री और उनके मंत्री आगे आकर बयान देने लगे हैं।

प्रियंका गाँधी ने सवालिया निशान खड़ा किया कि हम यहाँ पहुँचे कैसे? दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पदक में से एक, ऑक्सिजन उत्पादक में से एक, जिस देश के डॉक्टर विश्व भर में मशहूर हैं- आज हम इस मुक़ाम पर कैसे पहुँचे कि ऑक्सिजन, बेड्स, वैक्सीन की कमी से हमारे देशवासी अपनी जान दे रहे हैं?

उन्होंने लिखा है कि हर एक भारतीय नागरिक की जान कीमती है। सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है, जिन लोगों ने अपने परिजन खोये हैं, उनके प्रति जवाबदेह है। इसीलिए सरकार से हर एक मुद्दे पर बेबाक सवाल पूछे जाने जरूरी हैं। अनगिनत जानें सरकारी लापरवाही के चलते गईं। इसलिए सवाल पूछा जाने जरूरी हैं।

महासचिव प्रियंका गांधी ने लिखा है कि सवाल पूछाजान इसीलिए भी जरूरी हैं ताकि आगे की तैयारियों को लेकर सरकार देश के नागरिकों के सामने पारदर्शिता के साथ पूरा खाका रखे। ताकि कुर्सी पर बैठे हुए लोगों को इस देश के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी और अपनी जवाबदेही समझ में आए। इसलिए ये पूछना पड़ेगा कि ज़िम्मेदार कौन है?

उन्होंने फेसबुक पोस्ट के अंत में लिखा है कि आने वाले कुछ दिनों तक मैं ‘ज़िम्मेदार कौन?’ के तहत आप सबके सामने कुछ तथ्य रखूँगी जिससे मौजूदा दयनीय स्थिति की वजह को आप समझें। आपकी तरफ से मैं केंद्र सरकार से कुछ सवाल पूछूँगी जिनका जवाब देना आपके प्रति उनका कर्तव्य है। आपके सहयोग और सुझावों का स्वागत है।

 

 

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